लखनऊ। लखीमपुर खीरी में हिंसा व आगजनी के बीच 9 लोगों की मौत ने यूपी की सियासी राजनीति को गरमा दिया है। पूरा विपक्ष एक स्वर में किसान आंदोलन को कुचलने के लिए हिंसक तरीका अपनाने का भाजपा पर आरोप लगाते हुए उसे कठघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है। दूसरी तरफ किसान संगठन भी घटना के दूसरे दिन सोमवार को सभी देशभर के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन का आहवान कर विरोध प्रदर्शन को राज्यव्यापी स्वरूप देने में जुट गए हैं। इस बीच तिकुनिया पुलिस ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और 15 अन्य के खिलाफ लखीमपुर खीरी में हत्या और हिंसा भड़काने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है।
मालूम हो कि लखीमपुर खीरी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के वहां पहुंचने से पहले ही रविवार वहां बवाल शुरू हो गया था। लखीमपुर खीरी में तिकुनिया के पास किसान, केशव प्रसाद मौर्य को काले झंडे दिखाने के लिए खड़े हो गए। बताया जाता है कि इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक तेज गति से आई चारपहिया वाहन ने किसानों को कुचल दिया। जिसमें चार किसानों की मौत हो गई। इसके बाद शुरू हुई हिंसा के दौरान चार और लोगों की भी जाने चली गई। ये चारों भाजपा कार्यकर्ता बताए जाते हैं। घटना का कई वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति को लाठियों से पीटते व वाहनों के जलते हुए तस्वीर नजर आ रही है। किसान नेताओं ने वाहन केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे का बताते हुए उस पूरे घटना को अंजाम देने के पीछे भाजपा नेताओं की गहरी साजिश बताई है। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच बवाल शुरू हो गया और देखते ही देखते यह हिंसक हो गया। आरोप है कि इस दौरान किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी गई। वहीं गुस्साए किसानों ने गाड़ियों में आग लगा दी।
इसके बाद अब सोमवार को लखीमपुर खीरी में विपक्षी दलों के नेताओं का जमावड़ा शुरू हो गया है। केंद्र सरकार के तीन कृषि बिलों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन पहले ही तीखा हो गया था, अब इसे और धार मिलने के आसार हैं। हर दल राजनीतिक रोटियां सेंकने की फिराक में है। प्रियंका गांधी वाड्रा, राहुल गांधी, भूपेश बघेल, अखिलेश यादव, चंद्रशेखर आजाद रावण, राकेश टिकैत समेत विपक्षी दलों के तमाम नेताओं ने लखीमपुर खीरी पहुंच रहे हैं। हालांकि कल रात ही राकेश सिंह टिकैत लखीमपुर के लिए रवाना हो चुके थे।उधर प्रियंका गांधी को लखनऊ के आवास में पुलिस द्वारा रोके रखने की कोशिश को झांसा देकर वह नाकाम करते हुए लखीमपुर के लिए रात में ही रवाना हो गई थी। लेकिन एक बार फिर रास्ते में उन्हें हिरासत में ले लेने की खबरें आ रही हैं।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बिगड़े बोल ने किसानों को किया आंदोलित
लखीमपुर में उप मुख्य मंत्री केशव प्रसाद मौर्य को कई लोकार्पण व शिलान्यास कार्यक्रमों में हिस्सा लेना था। इसके बाद वे केंद्रीय गृह राज् यमंत्री के यहां आयोजित दंगल का उदघाटन करनेवाले थे। इस कार्यक्रम का विरोध जताने का किसान संगठनों ने पहले ही योजना बना ली थी। किसानों ने केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के हालिया भाषण के विरोध में उनका रास्ता रोकने का यह फैसला किया था। मंत्री ने हालही बयान दिया था कि किसानों का प्रदर्शन 10-15 लोगों का है और उन्हें लाइन में लाने में सिर्फ दो मिनट लगेंगे। उनके इस बयान के बाद से ही किसान आंदोलन की रूपरेखा तय करने में जुट गए थे। इसके बाद ही अचानक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री व उप मुख्यमंत्री के आने की खबर मिलते ही ये हैलीपैड पर ही कब्जा जमा लिए। इसके बाद सड़क मार्ग से दोनों नेताओं का जाना तया हुआ। इस दौरान ही भाजपा कार्यकर्ताओं के वाहन से कुचल कर किसानों की मौत के बाद आंदोलन हिंसक हो गया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, मेरा बेटा व परिवार का काई सदस्य नहीं था हिंसा में शामिल
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र ने कहा कि उनके बेटे पर लगाया जा रहा ये आरोप कि वो गाडी चला रहे थे, ये सरासर झूठ है। उन्होंने कहा, वो, मैं या मेरे परिवार का कोई भी सदस्य उस वक्त वहां मौजूद ही नहीं था। अजय मिश्र ने बताया,जैसा कि आप सबको जानकारी है कि हमारे पैतृक गांव में प्रतिवर्ष कुश्ती प्रतियोगिता का कार्यक्रम होता है। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बतौर मुख्य अतिथि आज माननीय उपमुख्यमंत्री जी को आना था और लखीमपुर में पीडब्ल्यूडी का कार्यक्रम था वो करके हम दोनों लोग साथ आ रहे थे।जब हम कार्यक्रम स्थल से थोडी दूर थे तो हमारा रूट यह बता कर डायवर्जन कर दिया गया कि कुछ किसान वहां पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और काला झंडा दिखाने की कोशिश करेंगे। हमलोगों का रूट परिवर्तित हो गया उसके बाद हमारे कार्यकर्ता चार पांच गाडियों से हमें लेने आ रहे थे। उन कार्यकर्ताओं पर किसानों के बीच शामिल अराजक तत्वों ने पथराव किया। इसकी वजह से वो गाड़ियां रुकीं। गाड़ियों से खींच कर हमारे कार्यकर्ताओं को लाठी, डंडे और तलवारों से पीटा गया। इसका वीडियो हमारे पास है। फिर गाड़ियों को धक्का देकर गड्ढे में गिराया गया। उन गाड़ियों को जलाया गया।उसके साथ साथ दूसरी गाड़ियों में भी भारी तोड़फोड़ की गई। इस दुखद घटना में हमारे तीन भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की मृत्यु हुई है। ड्राइवर की भी मृत्यु हुई है। साथ ही 10 से 12 लोग घायल हुए हैं। यह बेहद दुखद घटना है जो इस आंदोलन में घुसे उपद्रवियों ने की है। जब से ये किसान आंदोलन शुरू हुआ है, बब्बर खालसा से लेकर अनेक उपद्रवी संगठन हमारे देश में अस्थिरता फैलाने की कोशिश में लगे हैं। किसान आंदोलन को चलाने वाले लोगों को भी इन बातों को समझना चाहिए।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, सरकार किसान के र्धर्य की और परीक्षा न ले
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि लखीमपुर खीरी में हुई घटना बहुत ही दुखद है। इस घटना ने सरकार के क्रूर और अलोकतांत्रिक चेहरे को एक बार फिर उजागर कर दिया है। किसान आंदोलन को दबाने के लिए सरकार किस हद तक गिर सकती है, सरकार और सरकार में बैठे लोगों ने आज फिर बता दिया। लेकिन सरकार भूल रही है कि अपने हक के लिए हम मुगलों और फिरंगियों के आगे भी नहीं झुके। सरकार किसान के र्धर्य की और परीक्षा न ले। किसान मर सकता है पर डरने वाला नहीं है। सरकार होश में आए और किसानों के हत्यारों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा, किसानों से अपील है कि शांति बनाएं रखें, जीत किसानों की ही होगी। सरकार होश में ना आई तो भाजपा के एक भी नेता को घर से नहीं निकलने दिया जाएगा।
विपक्षी नेताओं ने सरकार पर हमला बोला
इस पूरे मामले पर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव समेत विपक्ष के तमाम नेताओं ने सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि कृषि कानूनों का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे किसानों को भाजपा सरकार के गृह राज्यमंत्री के पुत्र द्वारा, गाडी से रौंदना घोर अमानवीय और क्रूर कृत्य है। प्रदेश भाजपाइयों का जुल्म अब और नहीं सहेगा। यही हाल रहा तो उप्र में भाजपाई न गाडी से चल पाएंगे, न उतर पाएंगे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, जो इस अमानवीय नरसंहार को देखकर भी चुप है, वो पहले ही मर चुका है। लेकिन हम इस बलिदान को बेकार नहीं होने देंगे- किसान सत्याग्रह जिंदाबाद!
वहीं, प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है, भाजपा देश के किसानों से कितनी नफरत करती है? उन्हें जीने का हक नहीं है? यदि वे आवाज उठाएंगे तो उन्हें गोली मार दोगे, गाडी चढाकर रौंद दोगे? बहुत हो चुकाये किसानों का देश है, भाजपा की क्रूर विचारधारा की जागीर नहीं है। किसान सत्याग्रह मजबूत होगा और किसान की आवाज और बुलंद होगी।
लखीमपुर खीरी के एसीपी अरुण कुमार सिंह ने कहा कि लखीमपुर की घटना में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई। किसान संगठनों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री के काफिले में शामिल गाडी ने दो किसानों को कुचल दिया और उस गाड़ी में मंत्री का बेटा और रिश्तेदार बैठे हुए थे। अधिकारी ने साथ ही बताया, मरने वाले अन्य चार उस वाहन में सवार थे, जिसने कथित तौर पर किसानों को कुचला।
मुख्यमंत्री योगी ने की शांति की अपील
पूरे मामले पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बयान जारी करके कहा कि क्षेत्र के लोगों के अपील है कि वे घरों में रहें और किसी के बहकावे में न आएं। मौके पर शांति व्यवस्था कायम रखने में योगदान दें। किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले मौके पर हो रही जांच और कार्रवाई का इंतजार करें। सरकार इस घटना के कारणों की तह में जाएगी और घटना में शामिल तत्वों को बेनकाब कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
देशभर में आज किसानों का प्रदर्शन
किसान संगठनों ने पूरे देश के सभी किसान संगठनों से सोमवार दोपहर से 1 बजे के बीच सभी जिलों में जिलाधिकारियों के कार्यालयों में विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक देशभर में जिलाधिकारियों और आयुक्तों के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। किसान नेता योगेंद्र यादव और दर्शन पाल सिंह ने घटना की जांच उत्तर प्रदेश प्रशासन की जगह सुप्रीम कोर्ट के पदस्थ न्यायाधीश से करवाने की मांग की है।
किसान नेता राकेश टिकैत के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा के किसान लखीमपुर खीरी की ओर जा रहे हैं। किसान संगठनों का यह भी दावा है कि घटना में आठ किसान जख्मी भी हो गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के एक नेता तजिंदर सिंह विर्क भी गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं और उन्हें लखीमपुर खीरी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।