भाजपा के सांसद वर्षों से अपनी ही सरकार से रेल लाईन बिछाने की गुहार कर रहे हैं। अपनी ही सरकार से बार बार रेल की गुहार,फिर भी उम्मीद है बेक़रार।
105 वर्ष पुरानी राजस्थान के दूसरे सबसे बड़े नगर जोधपुर से बिलाड़ा कस्बे तक पहुंची इस रेल लाइन का अब आगे विस्तार कर बड़ तक पहुँचाने की माँग है।मज़े की बात यह है कि सन् 1997 में तत्कालीन रेल मंत्री रामविलास पासवान द्वारा जोधपुर जिले की बिलाड़ा से बर रेल लाइन की घोषणा की थी और इस योजना का शिलान्यास भी हो गया है।
पाली सासंद चौधरी ने इस बहुप्रतीक्षित मांग को 2015 से लगातार कई बार संसद और संसद के बाहर उठाया है।इस बार पाली जोधपुर निवासी अश्विनी वैष्णव के मोदी मंत्रिमंडल में हाल ही रेल मंत्री बनने इलाक़े के बाशिन्दों की उम्मीद एक बार फिर से सासंद चौधरी द्वारा संसद में यह माँग उठाने से उठाने से जाग उठी है।
सांसद पी पी चौधरी ने इससे पहले रेल मंत्री रह चुके सदानंद गौड़ा, सुरेश प्रभु और पीयूष गोयल सहित रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के समक्ष लगातार रूप से इस रेल लाइन की मांग रखी है। गत दिनों सासंद की मांग पर ही रेल विभाग द्वारा इस रेल लाइन का तीसरी बार सर्वे का कार्य भी स्वीकृत हुआ। सांसद का मानना है कि 40 किमी. इस मिसिंग लिंक के पूरा हो जाने से पश्चिम राजस्थान दक्षिण भारत से जुड़ जाएगा और सुगम आवाजाही के साथ ही विकासोन्मुख पश्चिमी राजस्थान के लोगों की बरसों पुरानी मांग भी पूर्ण हो जाएगी।
इस बार मंगलवार को पाली सांसद और पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री पी.पी. चौधरी ने एक बार फिर बिलाड़ा से बर रेलने लाइन का मामला संसद में उठाया है। सांसद चौधरी ने मानसून सत्र के दौरान नियम 377 के तहत बिलाड़ा से बर रेलने लाइन की मांग रखी।
सांसद चौधरी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि वर्षों से इस क्षेत्र के लोगों की यह ज्वलन्त मांग है जिसे सरकार को द्वारा पूरा करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में रेल मंत्रालय द्वारा पूर्व में सर्वे भी करवाए गए। लेकिन रेलवे बोर्ड द्वारा सहमती के साथ भेजी गई इस योजना को प्लानिंग कमीशन द्वारा हर बार ‘‘कॉमर्शियल नॉट वाइबल’’ बता देने के कारण स्थिति जस की तस बनीं हुई है।
सांसद चौधरी ने कहा कि बिलाड़ा से बर की दूरी मात्र 40 किमी. है और यदि इन दोनों क्षेत्रों को रेल लाइन से जोड़ दिया जाए तो हजारों की संख्या में लोगों को रेल सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। इस रेल लाइन से जोधपुर-जयपुर-दिल्ली की दूरी भी बहुत कम होगी तथा जोधपुर से अजमेर को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिल सकेगी।
यह क्षेत्र पूरी तरह से समृद्ध है और चूना-पत्थर, चाइना क्ले और ग्रेनाइट जैसे खनिज पदार्थों का क्षेत्र में भंडार है। यहां बड़े सीमेंट उद्योग स्थापित किए जा रहे हैं और हैण्डीक्राफ्ट उद्योग की पहुंच देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक भी है। इसके अलावा पश्चिमी राजस्थान की महत्ता लिए एम्स जोधपुर, उद्योग विभाग, आर्मी हैडक्वार्टर, जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय आदि महत्वपूर्ण संस्थानों द्वारा भी इस रेल लाइन की आवश्यकताओं पर बल देते हुए लिखित रूप से अपनी राय पूर्व में रखी हुई है। वहीं इस रेल लाइन का सामरिक दृष्टि से भी महत्व है। विकास एवं रोजगार की दृष्टि को देखते हुए ही विश्वस्तरीय राष्ट्रीय राजमार्ग-112 भी इसी क्षेत्र में बनाया गया है।
सांसद ने कहा कि इस रेल लाइन से न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार के अनेक स्रोत मिलेंगे वरन् पश्चिमी राजस्थान में तैयार विश्वप्रसिद्ध उत्पादों को बाजार मिलेगा तो वहीं कच्चे माल की आपूर्ति भी आसान होगी। इस तरह बिलाड़ा-बर जैसी महत्वकांशी रेलवे योजना से इस क्षेत्र में रोजगार और विकास के साथ रेलवे को राजस्व बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।