दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)| इंटरनेशनल फाउंडेशन ऑफ द हाउस ऑफ ह्यूमन साइंसेज, फ्रांस ने प्रोफेसर नावेद इकबाल, मनोविज्ञान विभाग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, (जेएमआई) को डायरेक्टर्स ऑफ एसोसिएटेड स्टडीज (डीईए) प्रोग्राम-2021 की ग्रांट से सम्मानित किया है। इस कार्यक्रम के तहत, जामिया के प्रोफेसर इकबाल को फ्रांस में एक शोध प्रवास के लिए आमंत्रित किया गया है।
जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि फ्रांस में शोध प्रवास के लिए प्रोफेसर इकबाल को इसलिए आमंत्रित किया गया है ताकि बाल दुर्व्यवहार और बाल संरक्षण पर फ्रांसीसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों के परिप्रेक्ष्य को समझा जा सके। साथ ही इसकी भारतीय मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ तुलना की जा सके।
जामिया विश्वविद्यालय के मुताबिक प्रोफेसर कैथरीन बेलजुंग, यूनिवर्सिटी ऑफ टूर्स, फ्ऱांस ने भी उन्हें अपनी प्रयोगशाला में आमंत्रित किया है। यहा प्रोफेसर इकबाल बाल दुर्व्यवहार और मानसिक स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभाव से संबंधित व्याख्यान देंगे। वह भविष्य में संभावित अनुसंधान सहयोग के लिए अपने सहयोगियों के साथ बातचीत भी करेंगे।
इससे पहले बीते सप्ताह जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के पूर्व छात्र फैसल आबिदी और रागिब खान के संयुक्त उद्यम को शीर्ष प्रदर्शन करने वाली ऐप विकास कंपनी घोषित किया गया है।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के पूर्व छात्रों की इस कंपनी का नाम ‘आरएनएफ टेक्नोलॉजीज’ है। यह एक टेक सर्विसेज और प्रोडक्ट्स कंपनी, जो अपने एजेंडे के शीर्ष पर नवीन अविष्कारों को स्थान देती है। इसे अमेरिका में एक प्रतिष्ठित अनुसंधान फर्म ‘क्लच’ द्वारा 2021 के लिए शीर्ष प्रदर्शन करने वाली ऐप विकास कंपनियों में से एक के रूप में चुना गया है।
गौरतलब है कि विश्वविद्यालयों की एनआईआरएफ राष्ट्रीय रैंकिंग में भी जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने शानदार प्रदर्शन किया है। विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु देशभर में अव्वल है। जेएनयू को देशभर में दूसरा सबसे बेहतर विश्वविद्यालय चुना गया है। वहीं जामिया विश्वविद्यालय देश के शीर्ष दस विश्वविद्यालयों में छठा सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय बन गया है। पिछले साल जामिया टॉप 10 विश्वविद्यालयों की सूची में 10वें स्थान पर था।
विश्वविद्यालय के बेहतर प्रदर्शन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए जामिया की कुलपति प्रो नजमा अख्तर ने कहा, ह्लयह उपलब्धि और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि देश और विश्वविद्यालय दोनों ही कोविड -19 महामारी के कारण चुनौतीपूर्ण समय और रैंकिंग में बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे हैं।
–आईएएनएस