नई दिल्ली । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और भाजपा की ओर से प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के भावी दावेदार केन्द्रीय जल शक्ति मन्त्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के गुटों के मध्य इन दिनों रोचक जंग चल रहा है।
राजनीति के जादूगर के रूप में जाने जाने वाले गहलोत और प्रदेश में भाजपा के चेहरे बनने को प्रयास कर रहें शेखावत दोनों के होम टाउन जोधपुर ही है। शेखावत गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को पराजित कर जोधपुर से दूसरी बार लोकसभा मे पहुँचे है। उन्हें वसुन्धरा राजे विरोधी ग्रुप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह का नज़दीकी नेता माना जाता है।
यह नूरा कुश्ती का खेल गहलोत सरकार को गिराने के लिए सचिन पायलट और उनके समर्थकों को भाजपा शासित हरियाणा स्टेट के एक पाँच सितारा होटल में ठहराने और इस दरमियान सचिन समर्थक राज्य के एक पूर्व मंत्री और शेखावत के मध्य बातचीत का कथित फोन टेपिंग मामला सामने आने पर शुरू हुआ था।
इस मामले को गहलोत सरकार की ओर से भाजपा पर पलट वार का मुख्य हथियार बनाया गया था । गहलोत सरकार को पलटने के असफल प्रयासों के बाद सोनिया राहुल प्रियंका गांधी के बीच बचाव से सचिन पायलट और साथियों के पुनः पार्टी के साथ जुड़ने के बाद केन्द्रीय मन्त्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने दिल्ली में एक परिवाद दायर किया।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 25 मार्च को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा और पुलिस अफसरों के खिलाफ फोन टेपिंग और ऑडियो वायरल करके उनकी छवि खराब करने का यह मामला दर्ज होने पर चार दिन पहले लोकेश शर्मा को नोटिस भेजकर 24 जुलाई को 11 बजे पूछताछ के लिए पेश होने को कहा लेकिन ओएसडी शर्मा ने ई मेल के जरिए नोटिस का जवाब देते हुए अगले दो सप्ताह तक व्यक्तिगत कारणों से जयपुर से बाहर यात्रा करने में असमर्थतता जताई है और दो-तीन सप्ताह का समय देने की मांग की है। उन्होंने ई मेल में ज्यादा जरूरी होने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पूछताछ के लिए उपलब्ध होने की बात कही है। ओएसडी शर्मा ने दिल्ली पुलिस को भेजे जवाब में कहा है कि दो-तीन सप्ताह के बाद जब भी दिल्ली क्राइम ब्रांच नई तारीख देगी, तब वे पेश होंगे।
इस प्रकार फोन टेपिंग केस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा शनिवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के सामने पेश नहीं हुए।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के परिवाद पर ओएसडी शर्मा ने एफआईआर को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इसके बाद उन्हें 6 अगस्त तक किसी भी तरह की गिरफ्तारी या कार्रवाई से छूट मिली हुई है। दिल्ली हाईकोर्ट में अब मामले की अगली सुनवाई 6 अगस्त को होनी है।
ओएसडी शर्मा ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का नोटिस मिलने के बाद कानूनी जानकारों की राय ली। कानूनी राय के बाद रणनीति के तहत 6 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होने तक पूछताछ के लिए पेश नहीं होने का फैसला किया है। इसीलिए क्राइम ब्रांच से दो तीन सप्ताह का समय मांगा गया है।
गौरतलब है कि फोन टेपिंग केस में इससे पहले राजस्थान विधानसभा में सरकारी मुख्य सचेतक और गहलोत के विश्वस्त सिपहसालार महेश जोशी को भी पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया गया था लेकिन उन्होंने कोरोना काल में उम्र का हवाला देते हुए पूछताछ के लिए जाने से इनकार कर दिया था। हालाँकि महेश जोशी का इस मामले में दर्ज एफआईआर में नाम नहीं था, लेकिन सी एम के विशेषाधिकारी लोकेश शर्मा के खिलाफ नामजद एफआईआर है।
इस मामले का दिलचस्प पहलू यह है कि कथित फोन टेपिंग में जिन पूर्व मंत्री का नाम आया था अब वे गहलोत के समर्थन में बयान दे रहे हैं। ये इससे पहले भी तब चर्चित हुए थे जब भेरों सिंह शेखावत मुख्यमंत्री थे और शेखावत अपने हार्ट की सर्जरी करवाने अमरीका गए थे तब पीछे से उनकी सरकार को गिराने का प्रयास करने वालों के सरग़ना भी यहीं शख़्स रहे बताया जाता है।