सूचना प्रसारण मंत्रालय के प्रभारी सचिव अमित खरे को हटाकर उनकी जगह अपूर्व चन्द्र को नया सचिव नियुक्त किया गया है।
गौर तलब है कि उच्चतम न्यायालय ने दूरदर्शन के जाने माने पत्रकार सुधांशु रंजन के पदोन्नति सम्बन्धी मुकदमे में अदालत की अवमानना के लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय के दोषी अधिकारी के खिलाफ एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इस से सरकार की काफी किरकिरी हुई है। इस खबर के सामने आते ही सरकार ने खरे को पद से हटा दिया।
कल मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने खरे को हटाकर महाराष्ट्र कैडर के 1988 बैच के अधिकारी अपूर्व चंद्रा को सूचना प्रसारण मंत्रालय का नया सचिव नियुक्त कर दिया। चन्द्र इस समय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव पद पर थे।
खरे वर्तमान सरकार के दुलारे अधिकारी माने जाते थे। वे पहले सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव थे। बाद में वे उच्च शिक्षा सचिव बनाये गए और गत वर्ष से फिर सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव का भी काम उनको सौंप दिया गया।
सूत्रों का कहना है कि न्यायमूर्ति न्यायधीश धनंजय चंद्रचूड़ और शाह की पीठ ने 16 अगस्त को सुधांशु रंजन बनाम सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे के मामले में यह जुर्माना लगाया और रंजन को पदोन्नति के बाद बकाया राशि देने का निर्देश दिया तो इस घटना से मंत्रालय में हड़कंप मच गया और खरे की किरकिरी हुई। खरे ने अपने अधिकारियों को खरी खोटी सुनाई कि इस मुकदमे में उन्हें सही सलाह नहीं दी गयी और फैसले को समय रहते लागू नहीं किया गया।
सूत्रों के अनुसार सरकार इस पर विचार कर रही है कि वह सुप्रीम कोर्ट में हर्जाने की रकम माफ करने का अनुरोध करेगी। एक लाख की रकम का सवाल नहीं बल्कि इससे सरकार की भद पिट जाएगी।
कानून के जानकार लोगों का कहना है कि सरकार अपनी गलती मान ले तो अदालत हर्जाने की राशि माफ भी कर सकती है। फिलहाल इस खबर ने सरकार को सांसत में डाल दिया है।
इंडिया न्यूज स्ट्रीम