न्यूयॉर्क, 29 सितंबर (आईएएनएस)| पूरे विश्व में शिक्षा की ज्योति जन-जन तक पहुंचे, इसके लिए कई संस्थाएं बेहतरीन कार्य कर रही हैं। इसी क्रम में सबसे ऊपर नाम आता है ईसीडबल्यू का। इस संस्था का ध्येय है कि विश्व के देशों में बेहतर शिक्षा प्रणाली के लिए हमेशा तत्पर रहना और खासकर इस समय इसका कार्य काफी मायने रखता है, क्योंकि पूरा विश्व अभी कोविड-19 के मार से उबरने की तैयारी में है। इसी मद्देनजर यूएन जेनरल असेंबली और मानव जन हितैषी संस्था और कई बड़ी हस्तियां ने शिक्षा के विकास और विस्तार के लिए संस्था को 13.81 अरब डॉलर का सहयोग दिया है। इस पुनीत कार्य में जहां जर्मनी ने 5.86 अरब डॉलर, अमेरिका 3.7 करोड़ डॉलर, यूरोपिय यूनियन 29 करोड़ डॉलर, वहीं द लेगो फांउडेशन 56 करोड़ डॉलर, फ्रांस 47 करोड़ डॉलर, स्विटरजरलैंड 22 करोड़ डॉलर और पुर्तगाल 58.8 करोड़ डॉलर का योगदान दिया है।
एजुकेशन केन नॉट वेट (ईसीडब्लयू) इमरजेंसी फंड को लेकर सोमवार को घोषणा की कि 46 लाख बच्चों और किशारों की शिक्षा और बेहतर जिंदगी की बहाली के लिए यह फंड जुटाया गया है।
बताते चलें कि कोविड-19 का कहर विश्व के 32 देशों में देखने को सबसे ज्यादा मिला, जहां पर करीब 3 करोड़ बच्चे इससे बुरी तरह से प्रभावित रहे और इन स्थितियों से निपटने के लिए इस प्रकार का फंड जीवन दान जैसा है।
वर्ष 2016 से अस्तित्व में आई यह संस्था इसी साल 82.83 अरब डॉलर फंड जुटाया है। इस फंड के माध्यम से ट्रस्ट ने कई सालों से विश्व के दस देशों में बेहतरीन कार्य करता रहा, जिसमें मुख्य रूप से 1 बिलियन डॉलर का योगदान ने काफी महती भूमिका निभाई है।
इस बारे में जर्मनी के इकॉनोमिक कॉरपोरेशन एंड डेवलपमेंट के फेडरल मिनिस्टर गर्ड मूलर का कहना था कि विश्वस्तर पर विपदा का सामना करने के कारण बच्चों और युवकों को भूखमरी और हिंसा व शिक्षा की कमी का सामना करना पड़ा और प्रत्येक बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है।
–आईएएनएस