नई दिल्ली । अमेरिका से भारत लाए गए 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को पटियाला हाउस की एनआईए विशेष न्यायालय के समक्ष पहला पूरक आरोप पत्र दाखिल किया। यह मामला डेविड हेडली, तहव्वुर हुसैन राणा और लश्कर एवं हूजी के अन्य सदस्यों द्वारा भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी हमले करने के लिए रची गई आपराधिक साजिश से संबंधित है।
यह पूरक आरोप पत्र आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण से संबंधित दस्तावेजों और एनआईए द्वारा एकत्र किए गए अतिरिक्त साक्ष्यों को प्रस्तुत करने से संबंधित है। इसके अलावा, एनआईए विशेष न्यायालय द्वारा 6 जून को जारी किए आदेश के अनुपालन में एनआईए ने 2011 में दायर पूर्व आरोप पत्र से संबंधित दस्तावेजों की आपूर्ति के संबंध में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 207 के अंतर्गत एक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की है। मामले में आगे की जांच जारी है।
दिल्ली की अदालत ने बुधवार को तहव्वुर राणा की न्यायिक हिरासत को 13 अगस्त तक बढ़ा दिया। इस हफ्ते की शुरुआत में तहव्वुर राणा ने मुंबई अपराध शाखा के सामने कुछ अहम खुलासे किए थे। उसने कहा था कि वह पाकिस्तानी सेना का एक भरोसेमंद एजेंट था और 2008 के हमलों के दौरान मुंबई में मौजूद था।
जांच एजेंसी को संदेह है कि उसने 26/11 हमलों के मुख्य आरोपी डेविड हेडली को निर्देश, लोकेशन और नक्शे साझा किए थे। इन निर्देशों का उपयोग मुंबई में हमलों से पहले लक्ष्यों की पहचान करने में किया गया था।
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 4 अप्रैल को तहव्वुर राणा की प्रत्यर्पण को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद 10 अप्रैल को उसे अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया।
अब राणा 26/11 के आतंकवादी हमलों के मामले में मुकदमे का सामना कर रहा है। मुंबई में हुए इस भीषण हमले में होटल ताज सहित अन्य प्रमुख स्थलों पर 166 लोगों की जान चली गई थी। राणा पर इन हमलों में शामिल होने के गंभीर आरोप हैं।
–आईएएनएस