जहाँ भी देखा वहीँ पाया तुझको जान-ए-विसाल
तेरी निगाह का परतो कहाँ कहाँ न मिला
—-मसूद हुसैन
(आज उर्दू के मशहूर साहित्यकार और शायर मसूद हुसैन की १०४ वीं जयंती हैl)
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जहाँ भी देखा वहीँ पाया तुझको जान-ए-विसाल
तेरी निगाह का परतो कहाँ कहाँ न मिला
—-मसूद हुसैन
(आज उर्दू के मशहूर साहित्यकार और शायर मसूद हुसैन की १०४ वीं जयंती हैl)