नई दिल्ली : दिल्ली विश्विद्यालय के सैकड़ों टीचरों ने दिल्ली सरकार के 12 कॉलेजों के सभी बकाया फंड को जारी करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के घर तक मार्च किया।
डूटा के अध्यक्ष ए के भागी के नेतृत्व में इन शिक्षकों ने डीयू के गेट नम्बर एक से खराब मौसम के बीच केजरीवाल के निवास तकमार्च किया।ये शिक्षक हाथों में तख्तियां और बैनर लिए पैदल मार्च कर रहे थे और केजरीवाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे थे।
इन शिक्षकों ने डीयू से इन 12 कालेजों को शामिल करने की मांग की है।
डूटा का कहना है कि दिल्ली सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित 12 कॉलेजों में फंड कटौती अपने आप में अभूतपूर्व है जिसे किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता है। पिछली किसी भी दिल्ली सरकार के समय उच्च शिक्षा के सामने ऐसा संकट देखने को नहीं मिला जैसा आप पार्टी नेतृत्व वाली सरकार के समय देखने को मिल रहा है।
श्री भागी के अनुसार दिल्ली सरकार द्वारा प्रचारित उच्च शिक्षा का बहुचर्चित मॉडल दिल्ली के छात्रों की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम नहीं रहा है और पूरी तरह से विफल रहा है। आप सरकार चुनावी वायदे के मुताबिक दिल्ली में 20 कॉलेज खोलने में विफल रही है दूसरा, अंबेडकर विश्वविद्यालय, नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, डीटीयू, दिल्ली कौशल विश्वविद्यालय और हाल ही में असंबद्ध कॉलेज ऑफ आर्ट में अभूतपूर्व शुल्क वृद्धि दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल को उजागर करती है जो स्व-वित्तपोषण मोड की ओर जा रहा है।
डूटा का कहना है कि आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने पूरी तरह से वित्त पोषित 12 कॉलेजों की प्रबन्ध समिति के साथ-साथ डीयू के 20 कॉलेजों का भी राजनीतिकरण कर दिया है। इन कॉलेजों के प्रबन्ध समिति अध्यक्षों ने लगातार कॉलेज के दिन-प्रतिदिन के मामलों में खुद को शामिल किया हैऔर डीयू के कानूनों और अध्यादेशों के मानदंडों के विपरीत, अपनी शर्तों पर एकाधिकार और तानाशाही पूर्ण व्यवहार करने की कोशिश करते रहे हैं।
एन डीटीएफ ने पिछले दिनों एक विज्ञपति जारी कर कहा था कि आप पार्टी के सत्ता में आने के बाद से एनडीटीएफ की ओर झुकाव के चलते डी डी यू कॉलेज के प्राचार्य लगातार उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। एसएसएन कॉलेज के प्राचार्य और कालिंदी कॉलेज के पूर्व कार्यवाहक प्राचार्य को भी आप के निजी एजेंडे को पूरा करने और लागू करने के लिए इसी आधार पर प्रताड़ित किया गया ।
शिक्षकों का आरोप हक कि 12 पूर्ण वित्त पोषित कॉलेजों में दिल्ली सरकार एक तरफ इमारतों, क्लास-रूम, प्रयोगशालाओं, लड़कियों के कॉमन रूम, वॉशरूम, उपकरण आदि जैसी बुनियादी ढांचागत मांगों को पूरा करने में विफल रही है, दूसरी ओर वेतन, भत्ता, बकाया, चिकित्सा बिल आदि का भुगतान भी अपर्याप्त और अनियमित रूप से हो रहा है।
इस बीच एनडीटीएफ की मांग है कि पूर्ण रूप से वित्त पोषित 12 कॉलेजों के लिए 100 करोड़ की राशि तत्काल जारी की जाए जिससे कि वेतन, भत्ते, पदोन्नति के लंबित बकाया और 7 वें वेतन, चिकित्सा बिल, बच्चों के शिक्षा भत्ते आदि की समस्या का समाधान हो सके। एनडीटीएफ की डी यू से मांग है कि इन कॉलेजों की प्रबन्ध समिति के तुरंत विस्तार सहित इन कॉलेजों को सीधे अपने अधीन लेने की प्रक्रिया आरंभ की जाए
इंडिया न्यूज़ स्ट्रीम