पटना, 18 अप्रैल (आईएएनएस)| बिहार में अब शहरों की तरह गांवों में भी साफ सफाई को प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार की योजना के तहत गांव में भी डोर टू डोर कचरा का उठाव होगा। वहीं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी। इसको लेकर पंचायती राज विभाग ने ग्राम पंचायतों को बड़ी जिम्मेदारी दी है। पटना जिले के सौ और पंचायतों में कचरा प्रबंधन काम शुरू किया जाएगा। पहले से 50 से अधिक पंचायतों में यह काम चल रहा है। गीला और सूखा कचरा से खाद बनाने की योजना है।
इसके अलावा गांवों की नलियों से निकलने वाले गंदे पानी को भी उसी गांव में तीन चरणों में सोख्ता बनाकर शुद्ध किया जाएगा। इसके अलावा गोबर से मिथेन गैस बनाने की योजना है।
31 मार्च के पहले पटना जिले की 64 पंचायतों के में यह योजना शुरू की गई थी। इसमें गांवों को जिल स्वच्छ और सुंदर बनाने की योजना है।
पंचायतों में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक घरों में दो कूड़ा दान, बाजार एवं हाट इत्यादि परिसर में दो-दो कूड़ेदान, प्रत्येक वार्ड में एक स्वच्छता कर्मी तथा सभी ग्राम पंचायतों में एक स्वच्छता पर्यवेक्षक साथ-साथ सफाई कर्मी एवं स्वच्छता कर्मी के सुरक्षा से संबंधित सामग्री उपलब्ध कराए जाएंगे।
बताया जा रहा है कि चरणबद्ध तरीके से सभी पंचायतों को इस अभियान में शामिल कर लिया जाएगा।
गांवों में निकलने वाले कचरे का जिलास्तर पर स्थापित प्रोसेसिंग यूनिट में इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए पंचायत स्तर से जिला स्तर तक चेन बनेगी। गांव की नालियों के पानी का भी उपयोग जलस्तर बढ़ाने में किया जाएगा।
–आईएएनएस