लखनऊ । उत्तर प्रदेश, गुजरात और तेलंगाना एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में पकड़े गए आईएसकेपी (इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत) मॉड्यूल के तीनों आतंकियों के कबूलनामे से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इनके तार सीधे पाकिस्तान से जुड़े होने की बात सामने आई है।
उत्तर प्रदेश के शामली जिले में रहने वाले आतंकी मोहम्मद सुहैल के घर पर यूपी एटीएस की रेड में आईएसआईएस का काला झंडा बरामद हुआ। वहीं हैदराबाद के डॉक्टर मोहम्मद इस्हाक उर्फ डॉ. अहमद के घर से डिजिटल सबूत मिले हैं, जिनमें उसने आईएसकेपी के सरगना अबू खलीजा को “बाया” (कसम) दी थी कि वह “भारत में एक बड़ा काम करेगा”।
जांच में पता चला है कि दो महीने पहले सुहैल और तीसरा आतंकी आजाद मिलकर डॉ. अहमद के पास एक पार्सल लेकर पहुंचे थे। उस पार्सल में डेढ़ लाख रुपये नकद थे। यह रकम एक पाकिस्तानी एजेंट के कहने पर भेजी गई थी। दूसरा पार्सल भी इन्हीं दोनों ने दिया था, जिसमें हथियार थे। गुजरात एटीएस ने इसी पार्सल के आधार पर डॉ. अहमद को पकड़ा और फिर सुहैल व आजाद तक पहुंची।
पाकिस्तानी एजेंट से मिले पैसे कहां से आएं, इसकी जांच तेज कर दी गई है। डॉ. अहमद के बारे में और खुलासा हुआ कि डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह तेजी से कट्टरपंथी बन गया। शादी के सिर्फ दो महीने बाद ही उसकी पत्नी को उसकी सोच का पता चल गया और उसने उसे छोड़ दिया। उसकी बहन भी डॉक्टर है।
तीसरे आतंकी आजाद (उत्तर प्रदेश का रहने वाला) ने पूछताछ में कबूला कि वह किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने के इरादे से कश्मीर के बारामूला गया था। वहां कुछ न मिलने पर निराश होकर लौटा। वापसी में ट्रेन में एक शख्स से मिला और उसके साथ हरिद्वार पहुंच गया। वहां उसने कई मंदिरों की रेकी की थी।
तीनों राज्यों की एटीएस अब इस पूरे नेटवर्क से जुड़े हर शख्स की तलाश में जुटी हुई है। जांच एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान से फंडिंग और हथियारों की सप्लाई का यह सिलसिला अभी और गहरा हो सकता है।
–आईएएनएस











