नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)| संसद में सोमवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, देश में प्रति 1,000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 2015-16 में 991 से बढ़कर 2019-21 में 1,020 हो गई है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि जन्म के समय लिंगानुपात, यानी पिछले पांच वर्षों में पैदा हुए प्रति 1,000 पुरुष बच्चों पर बालिकाएं भी 2015-16 में 919 से बढ़कर 2019-21 में 929 हो गई हैं।
सर्वेक्षण के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, मेघालय, गोवा और नागालैंड को छोड़कर सभी राज्यों में पिछले पांच वर्षों में जन्म लेने वाले बच्चों के जन्म के समय लिंग अनुपात में 2015-16 से 2019-21 में सुधार हुआ है।
सर्वेक्षण के अनुसार, कुल प्रजनन दर (टीएफआर), जो प्रति महिला बच्चों की औसत संख्या है, 2019-21 में घटकर 2 हो गई है, जो 2015-16 में 2.2 थी।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि कुल प्रजनन दर देश में प्रजनन क्षमता (प्रति महिला 2.1 बच्चे) के प्रतिस्थापन स्तर से भी नीचे आ गई है।
मणिपुर, मेघालय, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रजनन क्षमता का प्रतिस्थापन स्तर हासिल कर लिया गया है।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि गर्भ निरोधकों के उपयोग में वृद्धि, विशेष रूप से आधुनिक तरीकों, बेहतर परिवार नियोजन और बालिका शिक्षा ने संभवत: प्रजनन दर में गिरावट में योगदान दिया है।
–आईएएनएस