भुवनेश्वर, 12 नवंबर (आईएएनएस)| ओडिशा पुलिस ने दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने राज्य के गृह विभाग के अधिकारी बनकर पुलिस नौकरी के इच्छुक लोगों से 1.47 करोड़ रुपये की ठगी की है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान बैकुंठनाथ नाइक और भीमसेन मोहराना के रूप में हुई है। मोहराणा उच्च शिक्षा विभाग में सीनियर ग्रेड रिकॉर्डर के पद पर कार्यरत थे।
ईओडब्ल्यू के एसपी दिलीप कुमार त्रिपाठी ने कहा कि बादल कुमार रौला की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तारियां की गईं।
त्रिपाठी ने कहा, “इन दोनों ने संयुक्त पुलिस सेवा परीक्षा (सीपीएसई) 2013 की पूरक चयन सूची में अपना नाम दर्ज कराने के बहाने शिकायतकर्ता सहित 38 नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी बनकर लगभग 1.47 करोड़ रुपये की ठगी की।”
उन्होंने कहा कि नाइक ने एएसओ बनकर, जबकि मोहराना ने गृह विभाग के एक उच्च अधिकारी बनकर ठगी की।
त्रिपाठी के अनुसार, सीपीएसई के चयनित उम्मीदवारों की अंतिम मेरिट सूची दिसंबर 2016 में प्रकाशित की गई थी। ऐसी धारणा थी कि दूसरी / पूरक सूची होगी।
वाइवा-वॉयस टेस्ट के लिए उपस्थित हुए पीड़ित उम्मीदवारों को किसी भी पूरक सूची में नौकरी मिलने की उम्मीद थी। अधिकारी ने कहा कि जालसाजों ने इस स्थिति का फायदा उठाया और उनका शोषण किया।
आरोपी व्यक्तियों ने आपराधिक साजिश के तहत पीड़ित उम्मीदवारों को पूरक चयन सूची में अपना नाम दर्ज करने का झूठा आश्वासन दिया।
नाइक ने उन्हें एएसओ का फर्जी पहचान पत्र दिखाया था और प्रत्येक से पांच से छह लाख रुपये की मांग की थी। उन्होंने कहा कि मनाए जाने पर शिकायतकर्ता और अन्य लोगों ने पैसे जमा किए और जालसाजों को राशि का भुगतान कर दिया।
एसपी ने कहा कि मई 2020 से नवंबर 2020 तक, आरोपी व्यक्तियों ने उम्मीदवारों से 1.47 करोड़ रुपये लिए।
नाइक की घर की तलाशी के दौरान पुलिस को 12 एटीएम कार्ड और एएसओ के फर्जी आईडी कार्ड समेत कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले। आरोपियों के सभी बैंक खाते सील कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में और इसी तरह की धोखाधड़ी में शामिल अन्य आरोपियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए मामले की जांच जारी है।
–आईएएनएस