सुप्रीम कोर्ट ने एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल कन्फेशन रद्द किया, शख्स 13 साल बाद जेल से रिहा

नई दिल्ली : निखिल चंद्र मंडल 13 साल तक अतिरिक्त न्यायिक स्वीकारोक्ति (एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल कन्फेशन) के तहत जेल में रहा। उस पर अपनी पत्नी की हत्या का आरोप था।

न्यायेतर स्वीकारोक्ति के अभियोजन ने मंडल को, जो अब लगभग 64 वर्ष का है, 40 साल तक परेशान किया, वह अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए कानून से जूझ रहा था।

इस हफ्ते की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए उसकी रिहाई का आदेश दिया : यह कानून का सिद्धांत है कि अतिरिक्त-न्यायिक स्वीकारोक्ति सबूत का कमजोर टुकड़ा है।

जस्टिस बीआर गवई और संजय करोल की खंडपीठ ने कहा : यह माना गया है कि जहां एक अतिरिक्त न्यायिक स्वीकारोक्ति संदिग्ध परिस्थितियों से घिरी हुई है, इसकी विश्वसनीयता संदिग्ध हो जाती है और यह अपना महत्व खो देती है।

मंडल का प्रतिनिधित्व करने वाली वकील रुखसाना चौधरी ने जोर देकर तर्क दिया कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित सुविचारित फैसले और बरी करने के आदेश को उलट कर घोर गलती की है। उन्होंने ेकहा कि तीन गवाहों को किए गए एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल कन्फेशन बयान पर विश्वास न करने वाले ट्रायल कोर्ट के निष्कर्ष को या तो विकृत या अवैध नहीं कहा जा सकता और उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करने की मांग की गई है।

पश्चिम बंगाल सरकार ने मंडल के बचाव का यह कहते हुए विरोध किया कि उच्च न्यायालय ने सही पाया है कि गवाहों के सामने की गई एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल कन्फेशन भरोसेमंद, विश्वसनीय और ठोस थी।

चौधरी के अनुसार, अपनी पत्नी की हत्या के बाद गिरफ्तारी और 2008 में उच्च न्यायालय द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद से उन्होंने 13 साल से अधिक जेल में बिताए हैं। पीठ ने कहा कि यह कानून का स्थापित सिद्धांत है कि संदेह कितना भी मजबूत क्यों न हो, वह उचित संदेह से परे सबूत का स्थान नहीं ले सकता।

इसने आगे कहा कि यह अच्छी तरह से स्थापित है कि यह सावधानी का एक नियम है, जहां अदालत आमतौर पर इस तरह के अतिरिक्त-न्यायिक स्वीकारोक्ति पर कोई भरोसा करने से पहले स्वतंत्र, विश्वसनीय पुष्टि की तलाश करेगी।

पीठ ने कहा, यह माना गया है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि दोषसिद्धि एक अतिरिक्त न्यायिक स्वीकारोक्ति पर आधारित हो सकती है, लेकिन चीजों की प्रकृति में यह सबूत का कमजोर टुकड़ा है।

मंडल ने अपनी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ 2010 में शीर्ष अदालत का रुख किया था। अभियोजन का मामला मंडल द्वारा कथित तौर पर अपने तीन साथी ग्रामीणों के सामने किए गए असाधारण स्वीकारोक्ति पर टिका था, जिन्हें पुलिस ने अभियोजन पक्ष का गवाह बनाया था।

शीर्ष अदालत ने कहा कि आईपीसी की धारा 302 के तहत दंडनीय अपराध के लिए अपीलकर्ता को दोषी ठहराने की सरकार की अपील पर दिसंबर 2008 में पारित उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द कर दिया गया है।

पीठ ने 1984 के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि यह देखा जा सकता है कि इस अदालत ने यह माना है कि जिन परिस्थितियों से अपराध का निष्कर्ष निकाला जाना है, वह पूरी तरह से स्थापित होनी चाहिए।

पीठ ने कहा कि यह माना गया है कि परिस्थितियां एक निर्णायक प्रकृति और प्रवृत्ति की होनी चाहिए और उन्हें साबित करने की मांग को छोड़कर हर संभव परिकल्पना को बाहर करना चाहिए।

खंडपीठ ने कहा, “साक्ष्य की एक श्रृंखला इतनी पूर्ण होनी चाहिए कि अभियुक्त की बेगुनाही के साथ संगत निष्कर्ष के लिए कोई उचित आधार न छोड़े और यह दर्शाए कि सभी मानवीय संभावना में अभियुक्त द्वारा कार्य किया जाना चाहिए।”

हत्या कथित तौर पर मार्च 1983 में पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले में की गई थी। ट्रायल कोर्ट ने मार्च 1987 में मामले का फैसला किया, जिस पर अपनी पत्नी की कथित रूप से हत्या करने का आरोप लगाया गया था।

–आईएएनएस

लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने लॉन्च किया कैंपेन सॉन्ग

नई दिल्‍ली । आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपना कैंपेन सॉन्ग लॉन्च कर दिया। आप ने लोकसभा कैंपेन सॉन्ग को अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी...

ईडी की कार्रवाई और अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हेमंत सोरेन

रांची । झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी और ईडी की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है। हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी के...

बंगाल शिक्षक भर्ती मामला : हाईकोर्ट ने प्रश्नपत्र त्रुटियों की समीक्षा के लिए विशेष समिति बनाने का निर्देश दिया

कोलकाता । पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा प्रश्न पत्रों में कथित त्रुटियों की समीक्षा के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट ने विशेष समिति गठित करने का...

‘चुनावी बॉन्ड घोटाले’ की एसआईटी जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें तथाकथित "चुनावी बॉन्ड घोटाले" की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त...

केरल हाईकोर्ट ने राजीव चंद्रशेखर के हलफनामे के खिलाफ याचिका खारिज की

कोच्चि । केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को उस जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने अपने नामांकन पत्र के...

केजरीवाल, कविता की न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ी

नई दिल्ली । दिल्ली की एक अदालत ने शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बीआरएस नेता के. कविता की न्यायिक हिरासत मंगलवार को...

ईडी ने शेख शाहजहां के छोटे भाई सिराजुद्दीन के खिलाफ जारी किया लुकआउट नोटिस

कोलकाता । ईडी ने मंगलवार को निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के छोटे भाई शेख सिराजुद्दीन के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया। सूत्रों के अनुसार, ईडी ने सिराजुद्दीन को...

जेल बनी केजरीवाल के लिए यातना गृह, की जा रही है निगरानी : संजय सिंह

नई दिल्‍ली । आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को एक बड़ा आरोप लगाया। कहा गया है कि जेल में बंद केजरीवाल के सीसीटीवी फुटेज का लिंक मंगाकर देखा जा रहा...

दिल्ली हाई कोर्ट का सीएम केजरीवाल को ‘असाधारण अंतरिम जमानत’ देने से इनकार, याचिकाकर्ता पर 75 हजार का जुर्माना

नई दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को असाधारण अंतरिम जमानत देने...

सिर्फ जमानत के लिए “लकवे” का जोखिम नहीं उठा सकते : सीएम केजरीवाल

नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को ईडी पर उनके डॉक्टर द्वारा तैयार आहार चार्ट को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया। जानबूझकर शुगर...

सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव की याचिका पर सुनवाई की स्थगित

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को योग गुरु बाबा रामदेव की उस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल के...

कोर्ट में ईडी का दावा, केजरीवाल जमानत के लिए जेल में जानबूझकर खा रहे आम और मिठाइयां

नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आम) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले केस में तिहाड़ जेल में बंद हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने घंटों...

admin

Read Previous

संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान से अल्पसंख्यक किशोरियों की जबरन शादी रोकने की अपील की

Read Next

6 दशकों में पहली बार घटी चीन की जनसंख्या, टॉप पर आ सकता है भारत

Leave a Reply

Your email address will not be published.

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com