नई दिल्ली: देश में कोरोना के मामले पिछले कुछ करीब दो महीने से 30 से 45 हजार से बीच बने हुए हैं। देश में वैक्सीनेशन ने रफ्तार पकड़ी है।बड़ी संख्या में लोगों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक 75.22 करोड़ टीके लगाये जा चुके हैं।
पिछले 24 घंटों के दौरान भारत में 25,404 नए मामले सामने आए है। देश में सक्रिय मामले कुल मामलों के 1.09 प्रतिशत हैं। हमारे देश में इस समय 3,62,207 सक्रिय मामले हैं औऱ रिकवरी दर 97.58 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटों के दौरान 37,127 रोगी स्वस्थ हुए, देश भर में अभी तक कुल 3,24,84,159 मरीज स्वस्थ हुए है।
अब जो ताजा स्थिति सामने आ रही है वह चिंताजनक है। एक्टिव केस में बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है।कोरोना की संभावित तीसरी लहर से जहां पूरा देश सहमा हुआ है। वहीं बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के जंतू विज्ञान विभाग के एक वैज्ञानिक, प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे ने राहत भरी जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना की तीसरी लहर आने में तीन महीने का वक्त लगेगा। इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि वो पहले की तरह घातक भी नहीं होगा।
जिन लोगों को कोविड -19 का टीका लगाया गया और ठीक हो गये है , वे तीसरी लहर के दौरान सुरक्षित समूह के अंतर्गत आएंगे। कोरोना वायरस टीकाकरण से लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और उन्हें संक्रमण से लड़ने में मद्द मिलेगी। जैसा कि हर तीन महीने में एंटीबॉडी का स्तर गिरता है तभी तीसरी लहर की संभावना है। लेकिन चल रहे टीकाकरण अभियान से वायरस के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी। यदि किसी की इम्युनिटी 70 प्रतिशत से अधिक है तो कोविड -19 का प्रभाव कम होगा, और धीरे-धीरे, ये और कम होने लगेगा। चौबे ने आगे कहा कि जहां वायरस को रोका नहीं जा सकता, वहीं मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा, ‘अगर हमारी पूरी आबादी भी कोरोना से संक्रमित हो जाती है और हम मृत्यु दर 0.1 या 1 फीसदी से भी कम रहता हैं तो हम यह जंग जीत जाएंगे।
तीसरी लहर आने की आशंका को लेकर सबसे ज्यादा माता-पिता डरे हुए है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि तीसरी लहर में बच्चे प्रभावित होंगे। लेकिन इस आशंका पर ज्ञानेश्वर चौबे ने विराम लगाया है। उन्होंने कहा कि पहले और दूसरे लहर को देखते हुए तीसरे लहर में भी बच्चे सुरक्षित होंगे।
———— इंण्डिया न्यूज़ स्ट्रीम