नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद किसान आंदोलन अभी जारी रहेगा और इसके तहत आज लखनऊ में किसान महापंचायत हो रही है।
24 नवंबर को सर छोटू राम जयंती पर किसान-मजदूर संघर्ष दिवस आयोजित किया जाएगा और 26 नवंबर को “दिल्ली बॉर्डर मोर्चा पर चलो” तथा – 29 नवंबर को संसद चलो कार्यक्रम होगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कल किसान आंदोलन कार्यालय में बैठक कर यह फैसला किया। 19 नवंबर को श्री मोदी के राष्ट्र के नाम सन्देश के बाद किसान मोर्चा की यह पहली बैठक थी।
किसान मोर्चा की विज्ञपति के अनुसार बैठक में भारत के प्रधानमंत्री को एक खुला पत्र भेजने का फैसला किया गया, जिसमें एक लाभकारी एमएसपी की गारंटी के लिए केंद्रीय कानून सहित किसान आंदोलन की लंबित मांगों को उठाया गया है। अगली बैठक 27 नवंबर 2021 को होगी, जिसमें घटनाक्रम की समीक्षा की जाएगी
यह विज्ञप्ति किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव द्वारा जारी की गई है।
विज्ञप्तिमें कहा गया है कि जहां श्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार किसान आंदोलन के लगभग 700 बहादुर किसानों द्वारा किए गए शोर्य पूर्ण बलिदान को स्वीकार नहीं कर रही है, तेलंगाना सरकार अब शहीदों के परिजनों को सहायता प्रदान करने के लिए आगे बढ़ी है। प्रत्येक शहीद परिवार को 3 लाख रुपये के समर्थन की घोषणा करते हुए, तेलंगाना के मुख्यमंत्री श्री के चंद्रशेखर राव ने यह भी मांग की कि भारत सरकार प्रत्येक किसान परिवार के लिए 25 लाख रुपये का मुआवजा दे और सभी मामलों को बिना शर्त वापस ले ले। एसकेएम शहीदों के परिवारों को दी जाने वाली इस अनुग्रह सहायता के लिए तेलंगाना सरकार को शहीदों की सूची प्रदान करेगा।
हरियाणा में, जब राज्य के कृषि मंत्री श्री जेपी दलाल एक कोर्ट परिसर के उद्घाटन समारोह के लिए तोशाम पहुंचे, तो किसान बड़ी संख्या में काले झंडे लेकर विरोध में जमा हो गए। प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया, और मंत्री के कार्यक्रम के बाद ही रिहा किया गया। यह सिर्फ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी में ही नहीं है कि भाजपा नेताओं को नियमित रूप से काले झंडे के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश में चुनावी गति तेज होने के साथ ही पूर्वी यूपी में महाराजगंज के विधायक जय मंगल कनौजिया को कल स्थानीय नागरिकों के गुस्से का सामना करना पड़ा। स्थानीय ग्रामीणों ने उनके समर्थकों का जोरदार विरोध किया जिससे विधायक और समर्थकों को गांव छोड़ दिया।
कल पंजाब स्थित महिला सामूहिक के राष्ट्रीय सम्मेलन में, “किसानों के संघर्ष और पृथ्वी लोकतंत्र” पर केंद्रित कार्यक्रम के साथ वक्ताओं ने चल रहे आंदोलन में महिला किसानों के ऐतिहासिक योगदान पर प्रकाश डाला, और महिला शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।