पटना: राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के एक सवाल के जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि बिहार के दीघा-सोनपुर रेलपथ के दोहरीकरण कार्य की स्वीति 2016-17 में 158.54 करोड़ रुपये की लागत से देने के बाद उस पर अभी तक 88.27 करोड़ रुपये व्यय किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 50 करोड़ रुपये का परिव्यय मुहैया कराई गई है।
उन्होंने बताया कि बिहार में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्टर व संरक्षा कार्य के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के कार्यकाल 2009-14 की तुलना में एनडीए के छह वषरें में बजट परिव्यय 1,132 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष से बढ़ा कर 3,061 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष किया गया जो औसत वार्षिक बजट परिव्यय से 170 प्रतिशत अधिक है।
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में इन परियोजनाओं के लिए 4,489 करोड़ रुपये मुहैया कराया गया था, जो संप्रग के 5 साल (2009-14) के औसत वार्षिक बजट परिव्यय से 297 प्रतिषत अधिक था।
इसी प्रकार चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में 5,150 करोड़ रुपये वार्षिक बजट परिव्यय उपलब कराया गया है जो संप्रग की वार्षिक बजट की तुलना में 355 प्रतिशत अधिक है।
वैष्णव ने बताया कि बिहार में एनडीए के छह वषरें में संप्रग की 63़ 6 किलोमीटर प्रतिवर्ष की तुलना में 138.29 किलोमीटर प्रतिवर्ष की औसत दर से 317 किलोमीटर नई, 345 किलोमीटर अमान परिवर्तन तथा 306 किलोमीटर दोहरीकरण के साथ कुल 968 किलोमीटर रेल लाइन बनाये गए, जो संप्रग से 117 प्रतिशत अधिक है।
–आईएएनएस