क्रेडिट सुइस लीक: बैंक ने दर्जनों अपराधियों, तानाशाहों, खुफिया अधिकारियों की अकूत संपत्ति को छिपाने में मदद की

नई दिल्ली: दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित बैंकों में से एक क्रेडिट सुइस से काफी असाधारण और महत्वपूर्ण डाटा चोरी हो जाने से कोहराम मच गया है। इससे यह भी पता चलता है कि बैंक ने दर्जनों अपराधियों, तानाशाहों, खुफिया अधिकारियों, मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और नेताओं की काली कमाई को अपने यहां रखने में उनकी मदद की है।

जर्मन अखबार सुदेउत्शे जि़तुंग और दुनिया भर के पत्रकारों के एक नेटवर्क “द ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोटिर्ंग प्रोजेक्ट”(ओसीसीआरपी) ने 18,000 से अधिक क्रेडिट सुइस खातों के लीक रिकॉर्ड प्राप्त किए है। यह इस बैंक से अब तक लीक हुए सबसे बड़े आंकड़ें हैं। यह बैंक की कुल जमा राशि का एक छोटा सा हिस्सा है और इसमें दर्जनों संदिग्ध पात्र शामिल हैं जिनमें यातनाएं देने का पर्यायवाची एक अल्जीरियाई जनरल, क्रूर अजरबैजानी शासक के बच्चे, और सर्बियाई मादक पदार्थ शहंशाह भी है जिसे मिशा केले के नाम से जाना जाता है।

जिन खातों के बारे में जानकारी लीक हुई है उनमें अरबों डालर से अधिक राशि जमा है। पत्रकारों के निष्कर्षों की समीक्षा करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि इनमें से कई ग्राहकों को क्रेडिट सुइस में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी।

यह पूछे जाने पर कि इनमें से इतने सारे खाते क्यों मौजूद हैं तो वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों ने बताया कि इसकी कार्यप्रणाली ऐसी है जो अधिकतम मुनाफा हासिल करने के लिए कोई भी जोखिम लेने को तैयार है। पत्रकारों और विशेषज्ञों का कहना है कि स्विट्जरलैंड के कठोर बैंकिंग गोपनीयता कानून उन संगठनों या पत्रकारों को कानूनी पंजे से डराकर चुप करा देते हैं जो एक स्विस बैंक के गलत कामों का पर्दाफाश करना चाहते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें जिन लोगों के खाते हैं वे सभी दुनिया भर से आते हैं। ये खाताधारक एक अलग भ्रष्ट, सत्तावादी शासन से जुड़े हैं और इनमें से हर एक अपने तरीके से खुद को समृद्ध कर रहा हैं। लेकिन इस सब के बावजूद एक चीज है जो उन्हें एकजुट करती है और वह यह है कि उन्होंने अपना पैसा यहां जमा कराया है।

अपनी लक्जरी घड़ियों, बर्फ से ढके पहाड़ों और बेहतर चॉकलेट के बाद, स्विट्जरलैंड शायद अपने गुप्त बैंकिंग क्षेत्र के लिए सबसे बेहतर जाना जाता है। इसी के चलते क्रेडिट सुइस अपने 166 साल के इतिहास में दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों में से एक बन गया है।

इस बैंक में 50,000 कर्मचारी हैं जो 15 लाख ग्राहकों की खाता संबंधी जरूरतों को पूरा करते हुए उनकी अकूत कमाई का बेहतर तरीके से प्रबंधन करते हैं। इसकी कुल परिसंपत्ति1.5 ट्रिलियन स्विस फ्ऱैंक है। यह स्विट्जरलैंड में दूसरा सबसे बड़ा बैंक है।

इस बैंक से जो डेटा लीक हुआ है उसमें 1940 से लेकर 2010 तक तक खातों की जानकारी है। क्रेडिट सुइस के ग्राहकों में मिस्र के एक खुफिया प्रमुख का परिवार भी शामिल है। इनमें कुख्यात ‘नृंघेता आपराधिक समूह’ के लिए धन शोधन करने वाला एक इतालवी आरोपी, नाइजीरियाई अधिकारियों को दूरसंचार सौदों के लिए रिश्वत देने वाला एक जर्मन कार्यकारी का भी नाम सामने आया है। इसके अलावा जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय भी इसके खाताधारकों में शुमार रहे हैं जिनके पास 23 करोड़ स्विस फ्ऱैंक का खुद का अकेला बैंक खाता था। यह बात अलग है कि उनके देश पर अरबों डालर की विदेशी सहायता का बोझ था।

वेनेजुएला के अभिजात्य वर्ग पर सरकारी तेल कंपनियों को लूटने का आरोप गया था कि उन्होंने वहां से की गई करोड़ों डॉलर की कमाई को इस बैंक में ठिकाने लगाया था। यह उस अवधि के दौरान हुआ जब सरकारी खजाने से बड़े पैमाने पर लूटपाट ने एक आर्थिक पतन की शुरूआत की। इसके बाद साठ लाख लोगों को देश से पलायन के लिए मजबूूर होना पड़ा और यहां भुखमरी फैल गई थी। सबसे दिलचस्प बात यह है कि बैंक ने वेनेजुएला के ग्राहकों के खाते खोलने की प्रक्रिया जारी रखी थी जबकि वैश्विक मीडिया ने उनमें से कई के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर किया था।

–आईएएनएस

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