लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महामारी की दूसरी लहर में पूर्ण तालाबंदी के बजाय राज्य में आंशिक कर्फ्यू लगाने के फैसला किया था, जिसकी वजह से लोगों और राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इस अवधि के दौरान कल्याणकारी योजनाएं निर्बाध रूप से चलती रहीं, घातक वायरस से बचाव के लिए सख्त दिशानिर्देशों के तहत औद्योगिक गतिविधियों की छूट के साथ सरकार के खजाने को लाभ होता रहा।
नतीजतन, महामारी के बावजूद चालू वित्त वर्ष के दौरान 97,002 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है, जिससे राज्य का कुल कारोबार मार्च, 2020 में 16.91 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 19.37 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
यूपी राज्य स्तरीय बैंकिंग समिति (यूपीएसएलबीसी) के समन्वयक बृजेश कुमार सिंह के अनुसार, जनवरी से मार्च 2021 तक राज्य में कुल बैंक जमा 12.7 लाख करोड़ रुपये हो गए, जो दिसंबर 2020 से 59,345 करोड़ रुपये की वृद्धि है।
राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना समेत कई कल्याणकारी योजनाओं में भी लक्ष्य को पार कर लिया है।
इसके अलावा, सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 47.38 लाख इकाइयों को 27,875 करोड़ रुपये का ऋण दिया, इस संबंध में लक्ष्य का 99 प्रतिशत प्राप्त किया।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने चालू वित्त वर्ष में वार्षिक ऋण योजना लक्ष्य का 80 प्रतिशत हासिल कर लिया है।
महामारी और उसके बाद के कर्फ्यू में उत्तर प्रदेश में डिजिटल लेनदेन में भी तेजी आई है।
मार्च, 2021 के अंत तक राज्य में कुल ऑनलाइन लेनदेन 391 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो मार्च, 2020 में 189 करोड़ रुपये था, जिसमें 106 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
सिद्धार्थ नगर और फिरोजाबाद ने हाल के महीनों में कुल डिजिटलीकरण हासिल किया है।
–आईएएनएस