नई दिल्ली । केंद्रीय बजट 2026-27 से पहले भारत के शीर्ष उद्योग संगठन सीआईआई (कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) ने एक चार-सूत्रीय रणनीति का प्रस्ताव रखा है, जिसका उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर और मजबूत बनाना है। यह रणनीति ऋण स्थिरता, राजकोषीय पारदर्शिता, राजस्व संग्रह और खर्च दक्षता पर आधारित है।
सीआईआई के बयान के अनुसार, वित्त वर्ष 2031 तक सरकार को अपने कर्ज को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 50 प्रतिशत (1 प्रतिशत अधिक या कम) रखना चाहिए। साथ ही, वित्तीय घाटे (सरकार की कमाई और खर्च के बीच का अंतर) को 4.2 प्रतिशत तक ही रखना चाहिए। इससे भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर बनी रहेगी।
दूसरा, सीआईआई के अनुसार, सरकार को एक 3 से 5 साल की वित्तीय योजना बनानी चाहिए, जिसमें राजस्व, खर्च और कर्ज के बारे में स्पष्ट रूप से बताया जाए। इससे सरकार को अपनी योजनाओं को अच्छे से लागू करने में मदद मिलेगी और विश्वसनीयता बढ़ेगी।
तीसरा, राजस्व संग्रह को बेहतर बनाना दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। भारत में टैक्स-से-जीडीपी अनुपात अभी भी कम (17.5 प्रतिशत) है, जिसके लिए सरकार को डिजिटल और एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का इस्तेमाल करके टैक्स चोरी को रोकना चाहिए। इससे टैक्स का सही तरीके से संग्रह होगा और टैक्सदाता बढ़ेंगे।
सीआईआई ने सरकार से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसई) के लिए एक 3 साल की निजीकरण पाइपलाइन का ऐलान करने की भी सिफारिश की है।
चौथा, खर्च प्रबंधन, खासकर सब्सिडी सुधार भी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सरकार को सब्सिडी को सही तरीके से लागू करना चाहिए। उदाहरण के लिए, पीडीएस (पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम) में सभी लाभार्थियों की सूची को अपडेट करना चाहिए और कैश या कूपन के जरिए राशन देना चाहिए, ताकि यह सही लोगों तक पहुंचे।
इसी तरह, कृषि उर्वरक सब्सिडी को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए किसानों तक पहुंचाना चाहिए। इससे किसानों की परेशानियों को हल किया जा सकेगा और पैसों का दुरुपयोग भी कम होगा।
सीआईआई ने यह भी सुझाव दिया कि राज्यों को दो प्रतिष्ठित रेटिंग एजेंसियों से राज्य विकास ऋण (एसडीएल) की रेटिंग प्राप्त करने को प्रोत्साहित किया जाए और केंद्रीय पूंजी खर्च की सहायता को इन रेटिंग्स और खुलासों से जोड़ा जाए ताकि वित्तीय सावधानी को बढ़ावा मिल सके।
इसके अलावा, सीआईआई ने एक स्मार्ट यानी सिस्टमेटिक मॉडर्नाइजेशन एंड रिसोर्स ट्रांसफॉर्मेशन (एसएमएआरटी) मिशन का प्रस्ताव किया है, जो राष्ट्रीय डिजिटल शहरी प्लेटफॉर्म पर आधारित होगा। यह नगर निगम वित्त, प्रशासन और डिजिटल सेवाओं को मजबूत करेगा, साथ ही उपकरणों और सेवाओं की बेहतर डिलीवरी को सुनिश्चित करेगा।
–आईएएनएस











