नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने कमर कस ली है। भाजपा आलाकमान तमाम मिथकों को तोड़ते हुए इस पहाड़ी राज्य में मिशन रिपीट को लेकर कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा अप्रैल के महीने में दो बार हिमाचल प्रदेश के दौरे पर जा चुके हैं। हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में भाजपा सरकार की कमान वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हाथ में है और उन्ही के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव भी लड़ा जाना है लेकिन गृह राज्य होने के कारण नड्डा की प्रतिष्ठा भी इस राज्य में दांव पर लगी है। देश और हिमाचल प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस अभी राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन, भविष्य में पार्टी की नीति, रणनीति, चेहरे और प्रशांत किशोर की भूमिका के बारे में विचार-विमर्श में उलझी हुई है। इस बीच पंजाब में ऐतिहासिक जीत से उत्साहित आम आदमी पार्टी ने पूरी ताकत के साथ हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव में उतरने का फैसला किया है। नड्डा ने शुक्रवार और शनिवार को हिमाचल प्रदेश के दो दिवसीय दौरे के दौरान कांगड़ा में पहले दिन भव्य रोड शो किया, रैली को संबोधित किया और दूसरे दिन पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया।
शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने मंडी और कांगड़ा में रैली को संबोधित करते हुए राज्य की भाजपा सरकार के साथ-साथ राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों की कुल 68 विधानसभा सीटों में से सबसे ज्यादा 15 विधानसभा सीट कांगड़ा जिले से ही आती है और इसलिए यह कहा जाता है कि प्रदेश की सत्ता का रास्ता कांगड़ा जिले से होकर ही जाता है।
राज्य की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए अरविंद केजरीवाल ने तो यहां तक कह डाला कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उनके द्वारा दिल्ली में चलाई जा रही योजनाओं की नकल कर रहे हैं लेकिन वे इसमें कभी भी सफल नहीं होंगे। केजरीवाल के बयान पर पलटवार करते हुए जयराम ठाकुर ने उन्हें संयमित भाषा में बात करने की नसीहत देते हुए कहा कि हिमाचल की अपनी संस्कृति और संस्कार है और उनके बयान का समय आने पर जवाब दिया जाएगा।
दरअसल, राज्य में चुनाव को लेकर कांग्रेस की ऊहापोह की स्थिति का पूरा लाभ आम आदमी पार्टी उठाने की कोशिश कर रही है। वर्तमान हालात में भाजपा को भी यह लग रहा है कि उनका मुख्य मुकाबला आप से हो सकता है। यही वजह है कि राज्य में राजनीतिक रूप से आप की कमर तोड़ने के लिए भाजपा ने आप के प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी समेत कई दिग्गज नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भाजपा को अपनी सरकार द्वारा चलाई जा रही तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं पर भरोसा है कि उनके सहारे मतदाताओं को दिल जीतकर भाजपा दोबारा राज्य में सरकार बनाएगी और हिमाचल प्रदेश में हर पांच साल में सरकार बदलने का रिकार्ड इस बार टूट जाएगा।
दरअसल, दिल्ली के बाद उत्तराखंड, पंजाब और गोवा सहित हर राज्य में मुफ्त बिजली, मुफ्त इलाज और शिक्षा के नाम पर चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी को जयराम ठाकुर सरकार द्वारा चलाई जा रही इन योजनाओं के प्रभाव की बखूबी जानकारी है इसलिए केजरीवाल इन मुद्दों पर चुनावी वादे की बजाय राज्य के मुख्यमंत्री पर नकल करने का आरोप लगा रहे हैं।
ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि जैसे-जैसे हिमाचल प्रदेश की चुनावी सरगर्मी बढ़ेगी वैसे-वैसे भाजपा और आप में जनता से जुड़ी कुछ योजनाओं के क्रियान्वयन और उपलब्धि को लेकर भी राजनीतिक बहस तेज होती जाएगी।
बिजली की बात करें तो, राज्य की भाजपा सरकार का यह दावा है कि 25 जनवरी को 52वें पूर्ण राज्योत्सव दिवस पर प्रदेश के ग्रामीण तबके को राहत देते हुए सरकार ने 60 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की घोषणा की थी। हर महीने 60 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं से किसी भी तरह का मीटर रेंट, फिक्सड चार्ज और एनर्जी चार्ज नहीं लिया जाता है। इसके अलावा 125 यूनिट बिजली इस्तेमाल करने पर भी एक रुपया प्रति यूनिट के हिसाब से एनर्जी चार्ज लेने के फैसले का लाभ प्रदेश के 11 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को सीधा मिल रहा है।
इलाज की बात करें तो राज्य सरकार का यह दावा है कि भारत सरकार के आयुष्मान भारत योजना के तहत नवंबर 2021 तक 1.16 लाख मरीजों का निशुल्क इलाज किया गया, जिस पर 139.16 करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई। इसके साथ ही मुख्यमंत्री हेल्थकेयर हिमकेयर योजना के तहत राज्य के 5.13 लाख परिवार पंजीकृत हैं। नंवबर 2021 तक 2.17 लाख मरीजों का 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज किया गया जिस पर राज्य सरकार ने 196.16 करोड़ रुपये की राशि खर्च की। दोनों योजनाओं के तहत मरीजों के मुफ्त इलाज पर 335 करोड़ रूपए से ज्यादा रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इसके साथ ही सरकार ने एक्सरे, अल्ट्रासाउंड सहित 56 तरह के टेस्ट सरकारी अस्पताल में पूरी तरह मुफ्त करने का पैसला किया है। प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में लगभग 1374 दवाइंया मुफ्त उपलब्ध करवाई जा रही हैं जिस पर नंवबर 2021 तक लगभग 216 करोड़ रूपए खर्च हो चुके हैं। मुख्यमंत्री सहारा योजना के तहत प्रदेश के 20 हजार से ज्यादा लाभार्थियों के खाते में हर महीने 3 हजार रुपये भेजे जा रहे हैं।
भाजपा को डबल इंजन की सरकार द्वारा चलाए जा रहे दर्जनों योजनाओं के लाभार्थियों पर पूरा भरोसा है कि उनके सहारे भाजपा राज्य में आप और कांग्रेस, दोनों को हरा कर दोबारा सरकार बना सकती है क्योंकि इस बार भाजपा पहले से ही पूरी रणनीति के साथ तैयार है।
–आईएएनएस