बरेली । आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह संस्था पूरी तरह करप्शन का अड्डा बन चुकी है।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि इस बोर्ड को तत्काल भंग कर दिया जाए और इसके सदस्यों व अधिकारियों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। मौलाना ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट का हालिया फैसला वक्फ संशोधन बिल 2025 को लेकर तस्वीर साफ करता है और यह देश, समाज और मुसलमानों के हित में है।
मौलाना रजवी ने मंगलवार को अपने जारी बयान में कहा कि भारत सरकार वक्फ संशोधन बिल 2025 लेकर आई थी, जिसे संसद के दोनों सदनों ने पारित कर दिया। कुछ संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में इस पर रोक लगाने की याचिका डाली थी, लेकिन अदालत ने मुकम्मल स्टे देने से इनकार करते हुए केवल दो-तीन बिंदुओं पर संशोधन का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं।
इसके साथ ही, मौलाना रजवी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड कार्यालय भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुका है। लखनऊ में मशहूर जुमला है कि जो शख्स वक्फ बोर्ड के दरवाजे से अंदर कदम रखता है तो दीवारों से आवाज आती है कि यहां की हर ईंट पैसा मांगती है। उन्होंने आरोप लगाया कि छोटी-सी मस्जिद, कब्रिस्तान या दरगाह की कमेटी गठित कराने के लिए वर्षों तक चक्कर काटने पड़ते हैं और बिना रिश्वत काम नहीं होता। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि करप्शन में जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए इस बोर्ड के सभी सदस्यों और अधिकारियों की जांच कराई जाए। कई जनपदों में इनके खिलाफ दर्ज मुकदमों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
मौलाना ने कहा कि बोर्ड के अध्यक्ष लंबे समय से एक ही पद पर काबिज हैं और वे समाजवादी पार्टी के करीबी माने जाते हैं। बसपा शासनकाल में पांच साल, सपा सरकार में पांच साल और अब भाजपा के दोनों कार्यकाल में भी वही अध्यक्ष बने हुए हैं। आखिर ऐसी कौन-सी खूबियां हैं कि अखिलेश यादव के चहेते को 18 साल से पद पर टिकाए रखा गया है? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आजम खां के साथ मिलकर रामपुर की वक्फ जमीनों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां भी की गई थीं।
–आईएएनएस