आगरा । आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने शनिवार को धर्मांतरण के अंतरराज्यीय रैकेट का पर्दाफाश करने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन ‘अस्मिता’ के तहत पीड़िताओं को रेस्क्यू किया गया।
कमिश्नर दीपक कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया, “डीजीपी के निर्देश पर लखनऊ में इस नेटवर्क को ध्वस्त किया गया। आगरा साइबर क्राइम टीम ने ऑपरेशन चलाकर अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें आयशा उर्फ एसबी कृष्णा (गोवा), शेखर रॉय उर्फ अली हसन (कोलकाता), ओसामा (कोलकाता), रहमान कुरैशी (आगरा), अबू तालिब (मुजफ्फरनगर), ऋत्विक इब्राहिम (कोलकाता), जुनैद कुरैशी (जयपुर), मुस्तफा उर्फ मनोज (दिल्ली), मोहम्मद अली (जयपुर) और पांच आरोपी मुस्तफाबाद के शामिल हैं।”
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की कई बालिकाओं को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया गया। इन पीड़िताओं को ऑपरेशन ‘अस्मिता’ के तहत रेस्क्यू किया गया। परिवारों को इस बात का अंदेशा भी नहीं था कि उनकी बेटियां धर्मांतरण के जाल में फंस चुकी थीं। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी के तार कश्मीर और पाकिस्तान से जुड़े थे।
पाकिस्तान के इन्फ्लुएंसर तनवीर अहमद और शाहिद अदीब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए धर्मांतरण के लिए प्रेरित करते थे। गिरोह डार्क वेब, क्रिप्टोकरेंसी और डॉलर ट्रांजैक्शन से फंडिंग करता था। एक आरोपी ने क्राउडफंडिंग से फिलिस्तीन को धन भेजने का भी खुलासा किया।
धर्मांतरण के इस रैकेट में ऑनलाइन गेम्स लूडो स्टार और पब्जी के जरिए युवाओं को आकर्षित करना, बौद्धिक विमर्श के नाम पर ‘दावाह’ से जोड़ना और धीरे-धीरे इस्लाम की ओर प्रेरित करना शामिल था।
गिरोह असंगठित मजदूरों और मानसिक रूप से परेशान युवाओं को टारगेट करता था।
कमिश्नर दीपक कुमार ने कहा कि यह नेटवर्क राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। आगरा पुलिस और देश की कई एजेंसियां इस रैकेट की जांच में लगी हुई हैं।
—आईएएनएस