नई दिल्ली । विदेश सचिव विक्रम मिस्री और राष्ट्रीय उप सुरक्षा सलाहकार (डिप्टी एनएसए) पवन कपूर जल्द वाशिंगटन जाएंगे। शीर्ष पदस्थ सूत्रों ने बताया कि उनका यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर तय किया गया है।
दोनों शीर्ष अधिकारी अगले सप्ताह अमेरिका रवाना हो सकते हैं। वे ऐसे समय में वहां जा रहे हैं जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई मौकों पर भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले दिनों जारी संघर्ष को रोकने में मध्यस्थता का दावा कर चुके हैं। ट्रंप ने कहा था कि संघर्ष विराम के लिए उन्होंने दोनों पक्षों से लंबी बातचीत की थी।
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे को खारिज करते हुए भारत कह चुका है कि संघर्ष विराम के लिए खुद पाकिस्तान ने गुहार लगाई थी जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना की कार्रवाई से छटपटा रहा था।
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में गत 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष लोगों के मारे जाने के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू करते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस सप्ताह एक साक्षात्कार में कहा था कि भारत के सैन्य ऑपरेशन के दौरान 7 मई से 10 मई के बीच अमेरिका समेत कई देशों ने भारत से संपर्क कर तनाव न बढ़ने देने की अपील की थी।
नीदरलैंड की मीडिया आउटलेट एनओएस के साथ साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि हमले और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का नतीजा थी, जिसके लिए दुश्मन देश (पाकिस्तान) ने पहले पहल की थी।
उन्होंने कहा था कि सैन्य संघर्ष के दौरान दूसरे देशों द्वारा संचार चैनल स्थापित करना स्वाभाविक है।
विदेश मंत्री ने कहा था, “अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने मुझसे बात की जबकि अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की।”
ट्रंप ने यह भी दावा किया था कि भारत ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते का भी प्रस्ताव रखा है जिसमें “मूलतः” कई अमेरिकी वस्तुओं पर “शून्य टैरिफ” की बात कही गई है। उन्होंने कतर की राजधानी दोहा में कहा था, “उन्होंने हमारे समक्ष एक डील की पेशकश की है जिसमें मूलतः वे हम पर शून्य टैरिफ लगाने की इच्छा जता रहे हैं।”
इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में आठ सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने भी रविवार को अमेरिका और कैरेबियाई देशों की अपनी यात्रा शुरू की। केंद्र सरकार ने सात ऐसे प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजे हैं जो दुनिया तक आतंकवाद के प्रति भारत के जीरो टॉलरेंस का संदेश पहुंचा रहे हैं। अमेरिका की यात्रा पर गया प्रतिनिधिमंडल गुयाना, पनामा, कोलंबिया और ब्राजील भी जाएगा। वापसी में यह दल एक बार फिर अमेरिका जाएगा और वहां शीर्ष नेताओं, सांसदों आदि से मुलाकात करेगा।
–आईएएनएस