Surrey proclaims day in memory of Sikh victim of racist attack.
सरे (कनाडा) : गोरे वर्चस्ववादियों द्वारा निर्मल सिंह गिल की नृशंस हत्या की 25वीं बरसी पर उनकी याद में दिवस घोषित किया गया है। गिल, जो सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे में कार्यवाहक थे, ने 4 जनवरी, 1998 को अपने कर्तव्य के लिए तब अपना जीवन दे दिया, जब नव नाजियों का एक समूह पूजा स्थल पर हमला करने के लिए आया था। शनिवार को सरे के मेयर ब्रेंडा लोके ने गुरुद्वारे के अंदर आयोजित एक समारोह में गिल के रिश्तेदारों से भेंट की। गिल के नाती परमजीत सिंह संधू 4 जनवरी को ‘निर्मल सिंह गिल दिवस’ घोषित करने वाली उद्घोषणा को स्वीकार करने के लिए टोरंटो से आए थे।
इस मौके पर पहले नस्लवाद विरोधी पहल के लिए संसदीय सचिव के रूप में काम कर चुकी शिक्षा और बाल देखभाल मंत्री रचना सिंह भी उपस्थित थीं। उन्होंने नस्लवाद के खिलाफ प्रतिरोध के इतिहास को जीवित रखने के लिए मंदिर के अधिकारियों को गिल के बलिदान को मान्यता देते हुए एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया।
पिछले साल मंदिर परिसर में स्थित वरिष्ठजन केंद्र में गिल की तस्वीर लगाई गई थी।
इस अवसर पर गिल को श्रद्धांजलि देने वालों में नफरत विरोधी शिक्षक और पूर्व नव नाजी टोनी मैकएलेर शामिल थे।
द क्योर फॉर हेट: ए फॉर्मर व्हाइट सुपरमैसिस्ट्स जर्नी फ्रॉम वायलेंट एक्सट्रीमिज्म टू रेडियल कम्पैशन के लेखक मैकएलेर ने इस प्रकरण पर पश्चाताप करने के लिए गुरुद्वारे का दौरा किया था।
हालांकि वह सीधे तौर पर कभी शामिल नहीं थे, लेकिन उन्होंने अपनी गतिविधियों के माध्यम से नफरत फैलाने में योगदान देने की नैतिक जिम्मेदारी ली है। उन्होंने गिल के दामाद से 2015 में कनाडा जाने पर माफी मांगी थी। उन्होंने गुरुद्वारे को अपनी किताब की बिक्री की आय के माध्यम से पैसे भी दान किए थे।
वक्ताओं ने सर्वसम्मति से सभी से नस्लवाद के खिलाफ लड़ाई में योगदान देने का आह्वान किया। समारोह में गिल की भारत में रहने वाली बेटी रंजीत कौर का एक संदेश पढ़ा गया, जबकि संधू ने रुंधे स्वर में सरे में अपने दादा के आखिरी दिनों की यादें ताजा कीं।
–आईएएनएस