क्या मोदी सरकार अपने विरोधी मीडिया संस्थानों के पीछे हाथ धो कर पीछे पड़ गई है और वह उसके खिलाफ कभी आयकर छापे मार रही तो कभी प्रवर्तन निदेशालय के छापे की कार्रवाई कर रही है?
आज न्यूजलॉन्ड्री और न्यूज़क्लिक जैसे 2 ऑनलाइन पोर्टल पर आयकर छापे के बाद मीडिया जगत में यह सवाल उठ खड़ा हुआ है.?
आयकर अधिकारियों ने इस घटना को छापे की जगह सर्वे बताया है।
एनडीटीवी के अनुसार आज आयकर अधिकारियों ने इन दोनों न्यूज़ पोर्टल के खिलाफ सर्वे की पुष्टि की। इन दोनों न्यूज़ पोर्टल के कार्यालय दक्षिण दिल्ली में स्थित है।
खबर है कि दिन में करीब 12:00 बजे के आसपास इन न्यूज़ पोर्टल के कार्यालय पर छापा मारा गया। करीब 3:00 बजे के बाद इसके कर्मचारियों को बाहर जाने की अनुमति दी गयी । इस दौरान कर्मचारियों के फोन ज़ब्त कर लिए गए ताकि वे लोगों को इसकी सूचना न दे सकें। इतना ही नहीं इन न्यूज़ पोर्टल के जो कर्मचारी घर पर से काम कर रहे थे, वे अपने कार्यालय से संपर्क नहीं कर पा रहे थे क्योंकि सभी फोन बंद थे।
आयकर अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इन कंपनियों द्वारा कुछ लोगों को धन का भुगतान किए जाने और पैसा मिलने के बारे में खबर मिली है और वे इसकी तहकीकात करें वहां गए थे।यह छापा नहीं बल्कि सर्वे है।
सूत्रों का कहना है कि आयकर विभाग के करीब 20 कर्मचारी आये और उन्होंने दस्तावेजों की जांच की। गौरतलब है कि जुलाई में आयकर अधिकारियों ने दैनिक भास्कर के कार्यालय पर छापा मारा था ।इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने भीन्यूज़ क्लिक पर जब छापा मारा तो न्यूज़क्लिक ने उच्च न्यायालय में दरवाजा खटखटाया और न्यायालय ने न्यूज़क्लिक को राहत दी थी।
अदालत ने कहा था कि न्यूज़ क्लिक के खिलाफ तब तक दमनात्मक करवाई नहीं हो जब तक मामले की अंतिम सुनवाई नही हो।
इंडिया न्यूज स्ट्रीम