नई दिल्ली: राज्यसभा में पेगासस जासूसी मामले की जांच को लेकर विपक्ष का हंगामा शुक्रवार को भी देखने को मिला और लगातार दूसरे दिन राज्यसभा का कामकाज ठप हो गया। जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तो विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे एक बयान देना चाहते थे, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। उप नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने हस्तक्षेप किया कि संबंधित मंत्री पहले ही एक बयान दे चुके हैं।
हंगामे के बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले निलंबित सांसद शांतनु सेन ने सदन से हटने से इनकार कर दिया और उपसभापति ने राज्यसभा को दोपहर 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
सदन को पहले 12 बजे तक और फिर दोपहर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित किया गया था।
उपसभापति हरिवंश ने सांसद से सदन से हटने की अपील की, मगर सेन ने इस सलाह पर ध्यान नहीं दिया और नियम के अनुसार यदि निलंबित सदस्य सदन में रहता है तो कोई कार्य नहीं किया जा सकता है।
तृणमूल सांसद शांतनु सेन को शुक्रवार को राज्यसभा में आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से कागजात छीनने के एक दिन बाद पूरे मानसून सत्र के के लिए निलंबित कर दिया गया है।
सदन के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने उन्हें सदन से हटने और सदन को चलने देने के लिए कहा।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने सत्र के शेष भाग के लिए शांतनु सेन के खिलाफ निलंबन प्रस्ताव पेश किया।
वहीं दूसरी ओर तृणमूल के सुखेंदु शेखर रॉय ने व्यवस्था का मुद्दा उठाया कि यह कामकाज की सूची में नहीं था, मगर सभापति ने कहा कि उन्होंने इसकी अनुमति दी थी।
–आईएएनएस