नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)| केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री संजीव बाल्यान ने बुधवार को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) पर जमकर निशाना साधा। अमूल मॉडल की प्रशंसा करने के बाद बाल्यान ने कहा कि उन्होंने (अमूल संस्थापक) वर्गीस कुरियन की जीवनी प्रस्तुत करने के बाद उनके दर्शन को समझने की कोशिश की और महसूस किया कि उन्होंने दूध और डेयरी क्षेत्र के लिए क्या किया।
बाल्यान ने ‘उन्नत पशुधन सशक्त किसान कॉन्क्लेव’ में कहा, “जब अमूल सफल हुआ, तब प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की स्थापना की, ताकि प्रत्येक क्षेत्र में अमूल जैसी सफलता की कहानियां हों। कुछ सफल रहे, कुछ असफल रहे।”
कॉन्क्लेव में 75 उद्यमियों ने भाग लिया और 75 स्वदेशी पशुधन नस्लों की प्रदर्शनी लगाई गई।
मंत्री ने कहा कि एनडीडीबी अमूल जैसे सहकारी मॉडल को बढ़ाने में विफल रहा है जो उस क्षेत्र में समृद्धि लाए हैं, जहां दूध संयंत्र संचालित होता है। उन्होंने इसे ‘मेरी पीड़ा’ (व्यक्तिगत चोट) करार दिया।
एनडीडीबी के अध्यक्ष मीनेश शाह की ओर इशारा करते हुए और यह भी कहते हुए कि वह जो कहते हैं, उसे व्यक्तिगत रूप से नहीं, बल्कि एक किसान से दिल से अपील के रूप में लिया जाना चाहिए, बाल्यान ने कहा, “आपने अभी कुछ समय पहले कहा था कि आपका फरीदाबाद संयंत्र रोजाना 1 लाख लीटर दूध दिल्ली भेजता है। फिर मेरे किसान भाइयों को वे सभी सुविधाएं क्यों नहीं मिलती हैं जो गुजरात में उनके समकक्षों को मिलती हैं?”
इससे पहले, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने सम्मेलन का उद्घाटन किया।
–आईएएनएस