प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता कर इतिहास रचा। पीएम मोदी यूएनएससी की अध्यक्षता करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से यूएनएससी की उच्चस्तरीय बैठक में आतंकी घटना और समुद्रीय सुरक्षा पर जोर दिया।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों, सरकार के प्रमुखों और संयुक्त राष्ट्र प्रणाली और प्रमुख क्षेत्रीय संगठनों के उच्च स्तरीय विशेषज्ञों ने भाग लिया। बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये ‘समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा: अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता’ पर खुली परिचर्चा की अध्यक्षता की। परिचर्चा समुद्री अपराध और असुरक्षा का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने तथा समुद्री क्षेत्र में समन्वय को मजबूत करने के तरीकों पर केंद्रित थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि समुद्री मार्ग का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए हो रहा है। इसे रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमारे समुद्र में कई चुनौतियां हैं। समुद्री मार्ग का दुरुपयोग हो रहा है। इस मार्ग का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए हो रहा है। समुद्री डकैती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि समुद्र हमारी साझी विरासत हैं और समुद्री मार्ग अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लाइफलाइन हैं। हमारी धरती के भविष्य के लिए ये सागर बेहद अहम हैं। पीएम मोदी ने कहा, ‘पांच सिद्धांतों को अपनाकर हम समुद्र और समुद्री मार्ग की सुरक्षा कर सकते हैं।’
मोदी ने कहा कि सबसे पहले समुद्री व्यापार को बाधामुक्त बनाना होगा। उन्होंने कहा कि समुद्री मार्ग से जुड़े तमाम विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से और अंतरराष्ट्रीय कनून के तहत सुलझाया जाये। पीएम मोदी ने कहा कि मेरा तीसरा सुझाव यह है कि जिम्मेदार समुद्री संपर्क को प्रोत्साहित किया जाये।
उन्होंने कहा कि मेरी चौथी सलाह यह है कि समुद्र में गैर-सरकारी तत्वों के खतरों और प्राकृतिक आपदाओं से निबटने के लिए सामूहिक प्रयास किये जायें। इसके साथ ही हमें समुद्री पर्यावरण और समुद्री संसाधनों की सुरक्षा की दिशा में उचित कदम उठाने होंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें समुद्र के जरिये होने वाले व्यापार के मार्ग में आने वाली तमाम बाधाओं को दूर करना होगा। बाधारहित समुद्री व्यापार हमारी तरक्की और समृद्धि का आधार बन सकता है। वहीं, अगर इस मार्ग में कोई बाधा आती है, तो वह वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती बन सकती है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के ओपेन डिबेट में पीएम मोदी ने भारत की संस्कृति से समुद्र के संबंधों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मुक्त समुद्री व्यापार अनादि काल से भारत की संस्कृति से जुड़ा हुआ है।
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि समुद्री विवाद का समाधान शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर होना चाहिए। हमें समुद्र से उत्पन्न प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन चुनौतियां का मिलकर सामना करना चाहिए। इस विषय पर क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए भारत ने कई कदम उठाए हैं।
यूएनएससी ने समुद्री सुरक्षा और समुद्री अपराध के विभिन्न पहलुओं पर पूर्व में चर्चा कर कई प्रस्ताव पारित किये हैं। हालांकि, यह पहली बार था, जब उच्चस्तरीय खुली बहस में एक विशेष एजेंडा के रूप में समुद्री सुरक्षा पर समग्र रूप से चर्चा की गयी।
उल्लेखनीय है कि भारत पहली बार एक महीने के लिए यूएनएससी की बैठक की अध्यक्षता कर रहा है। अगस्त माह तक भारत ही यूनएनएससी की बैठक की अध्यक्षता करेगा।
इंडिया न्यूज स्ट्रीम