नई दिल्ली। मशहूर अभिनेत्री एवम यूनिसेफ की सेलिब्रिटी एडवोकेट करीना कपूर ने देश में कोरोना के कारण बंद स्कूलों के खुलने का स्वागत करते हुए हर बच्चे से मास्क और उचित दूरी का पालन करने की अपील की है।
उहोने आज यूनिसेफ के एक कार्यक्रम में यह अपील की। उन्होंने अपने वीडियो संदेश में कहा “हर बच्चे के लिए सीखना और शिक्षा कुछ ऐसा है जो मेरे दिल के बहुत करीब है। अब जबकि पूरे भारत में कई स्कूल फिर से खुल रहे हैं, हमें खुशी होनी चाहिए कि बच्चे दुबारा वापस आ गए हैं, कुछ सीख रहे हैं और अपने दोस्तों के साथ मस्ती कर रहे हैं। इसके साथ ही हमें यह भी याद रखना चाहिए कि कुछ बच्चों की रिमोट लर्निंग या होम बेस्ड एजुकेशन तक पहुंच नहीं थी।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों, माता पिता और कई अन्य लोगों की मदद से बच्चों का शिक्षण जारी रखने के लिए काफी प्रयास किया गया है, फिर भी हो सकता है कि बच्चों से बहुत कुछ छुट गया हो जिसको वो पूरा कर लेंगे और ये जरूर होगा । आइए हम सब मिलकर उन्हें एक सुरक्षित और भय-रहित वातावरण प्रदान करें, जिससे उन्हें शिक्षण में मदद मिले। आइए कोविड उपयुक्त व्यवहारों का पालन करते हुए, जिसमें मास्क पहनना, साबुन से हाथ धोना और शारीरिक दूरी शामिल है, अपने बच्चों को वापस स्कूल भेजने के साथ शुरू करें।”
यूनिसेफ की भारतीय प्रतिनिधि यासुमासा किमुरा, और दो किशोरों ने स्कूल की घंटी बजाकर महामारी कक्षा का अनावरण किया। प्रख्यात शिक्षाविद्, वीनिता कौल,( प्रोफेसर एमेरिटस, अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन) अंबेडकर विश्वविद्यालय इस कार्यक्रम की प्रमुख वक्ता थी।
प्रोफेसर विनीत कौल ने कहा, “कई बच्चों, विशेष रूप से सबसे कम उम्र के बच्चों का स्कूल को कोई अनुभव नहीं होता है और उन्हें नए सिरे से शुरुआत करने के अवसर की आवश्यकता होती है। दूसरों ने न केवल उन कौशलों को खो दिया है जो उन्होंने सीखे हैं, बल्कि अधिक महत्वपूर्ण रूप से स्कूली पढ़ाई के लिए महत्वपूर्ण स्वभाव और आदतों को भी, जैसे किसी दिए गए कार्य पर ध्यान केंद्रित करना, आवश्यक घंटों के लिए डेस्क पर बैठना और नए लोगों से संबंध बनाना।
उन्होंने कहा कि बच्चों को सीखने के लिए कौशल से संबंधित कार्य देकर, जरूरी नहीं कि पाठ्यपुस्तकों से ही, बल्कि उनके अपने घर के अनुभवों से, हम बच्चों को भावनात्मक रूप से ‘स्कूल वापसी’ में और जो सीख रहे हैं उसको आनंदपूर्वक समझने में मदद कर सकते हैं।”
महामारी कक्षा 14 नवंबर (भारत के बाल दिवस) से 20 नवंबर 2021 (विश्व बाल दिवस) तक एक सप्ताह के लिए प्रदर्शित की जाएगी।
पिछले साल से महामारी की लहरों के कारण, ज्यादातर स्कूलों को बंद कर दिया और कई बार फिर से खोला। नतीजतन लगभग 24.7 करोड़ बच्चे एक वर्ष से अधिक समय तक स्कूल नहीं जा सके। इस दौरान करीब 15 लाख स्कूल और 14 लाख ईसीडी/आंगनवाड़ी केंद्र बंद रहे। लाखों बच्चे गर्म पके हुए मध्याह्न भोजन (स्कूल का भोजन) से भी वंचित रह गए, जो कई के लिए दिन का सबसे पौष्टिक भोजन था। बच्चे जितने लंबे समय तक स्कूल से बाहर रहते हैं, उनके लौटने की संभावना उतनी ही कम होती है – और उनका विवाह होने या समय से पहले कार्यबल में शामिल होने का खतरा बढ़ जाता है।











