नई दिल्ली । भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने आतंकवाद के खिलाफ भारत का वैश्विक संदेश पहुंचाने के तहत सात सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के ऐलान को सराहनीय कदम बताया। यह प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों में ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति के बारे में अवगत कराएगा। तरुण चुघ ने कहा कि यह फैसला पाकिस्तान में आतंक को समर्थन देने वाली सरकार पर कूटनीतिक सर्जिकल स्ट्राइक है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “पाकिस्तान का घिनौना, भद्दा और घटिया चेहरा बेनकाब करने के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने सर्वदलीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडलों को दुनियाभर में भेजने का फैसला किया है, जो एक सराहनीय कदम है। यह फैसला पाकिस्तान में आतंक को समर्थन देने वाली सरकार पर कूटनीतिक सर्जिकल स्ट्राइक भी है। पूरे विश्व को यह प्रतिनिधिमंडल जानकारी देगा कि किस तरह पाकिस्तान आतंकवाद की विश्वस्तरीय यूनिवर्सिटी चला रहा है। आतंकी घटना विश्व में कहीं भी हो, उसके तार पाकिस्तान से निकलते हैं और यही पाकिस्तान का असली चेहरा है। यह प्रतिनिधिमंडल पूरे विश्व को पाकिस्तान का असली चेहरा दिखाएगा।”
उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा, “पाकिस्तान प्रायोजित आतंक को पूरे विश्व में बताने वाले प्रतिनिधिमंडल को लेकर भी कांग्रेस राजनीति कर रही है। यह दर्शाता है कि उनके लिए तुष्टिकरण से बढ़कर कुछ नहीं है। जब देश एकता का परिचय दे रहा है, तो उस समय कांग्रेस सूची में नाम नहीं होने को लेकर राजनीति कर रही है। कांग्रेस के लिए यह राष्ट्रीय सुरक्षा का नहीं बल्कि निजी स्वार्थ का मामला है। केंद्र सरकार ने विपक्ष को प्रतिनिधिमंडल में शामिल कर देश को एकजुट करने का प्रयास किया है। मगर, कांग्रेस इसको भी राजनीतिक स्वार्थ की चौखट पर गिराने में लगी हुई है।”
उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ सैन्य विजय नहीं है, बल्कि भारत की कूटनीतिक ताकत का भी प्रदर्शन है। देश चाहता है कि कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष इस प्रतिनिधिमंडल का समर्थन करे।”
भाजपा के महासचिव तरुण चुघ ने कहा, “जिनके (कांग्रेस) समय में 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद सिर्फ क्रिकेट बंद हुआ हो और उन्होंने सिर्फ आतंकी घटना के बाद सफेद झंडे दिखाए हों, वह आज सवाल उठा रहे हैं। भारत ने पहले दिन ही स्पष्ट कर दिया था कि निर्दोष लोगों पर हमला करने वाले आतंकी और उनके सरगना को मिट्टी में मिलाने का काम किया जाएगा और भारत ने ऐसा करके दिखाया है।”
–आईएएनएस