देश के करीब 40 लाख आई टी आई छात्रों का भविष्य कोरोना काल मे अंधेरे में पड़ गया है। इस मुद्दे को लेकर इन छात्रों ने 301 किलोमीटर की पदयात्रा कर कल राजधानी में प्रदर्शन किया और अपनी 6 सूत्री मांगे रखीं। ये छात्र मुरैना, धौलपुर,आगरा, मथुरा, कोशी कला, पलवल, फरीदाबाद होते हुए जंतर मंतर पहुंचे।
अखिल भारतीय आईटीआई छात्र एवं आईटीआई संचालक संयुक्त संगठन ने कल प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित सम्मलेन अपनी माँगें रखी। इस सम्मलेन में छात्र और अन्य सदस्यों ने हिस्सा लिया।
अखिल भारतीय आईटीआई संगठन के अध्यक्ष, डॉ. बी.एस. तोमर ने कहा, ” आईटीआई छात्रों को 2014 से 2020 सत्र तक के रेगुलर एवं पुराने छात्रों की परीक्षा (जो कि नवंबर 2020 से संचालित है) अभी भी नही हो पाई ।इन छात्रों की संख्या लगभग 40 लाख है। अत: प्रमोशन या OMR सिस्टम या पिछली प्रक्टिकल और ईडी की परीक्षा के आधार पर जल्द से जल्द परिणाम घोषित किया जाए।
उन्होंने कहा कि निजी संस्थानों (ITIs) को दमनकारी /शोषण पूर्ण नीतियों से बंद करने की साजिश से कॉरपोरेट को बढ़ावा मिला है जो सर्वाहारा वर्ग के छात्रों के साथ विश्वासघात है।”
चैम्बर ऑफ टेक्निकल इंस्टिट्यूशन के अध्यक्ष अरुण नायर ने कहा, “आईटीआई कोर्स जब प्रैक्टिकल पर आधारित है तो परीक्षा थ्योरी आधारित क्यों? उद्योग जगत में स्किल्ड मैनपावर की तलाश रहती जो कारखानों की गुणवत्ता तय करते हैं। स्किल्ड लोगों की कमी से गुणवत्ता पर खासा प्रभाव पड़ता है। इस प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से बदला जाए ताकि देश के कल-कारखानों में स्किल्ड लोग आएँ।”
बिहार से आये डॉ. दीपक ने बताया, “डीजीटी के द्वारा कोविड का हवाला देकर तीसरे शिफ़्ट को बंद कर नामांकन प्रक्रिया को बाधित कर दिया गया था, जिससे आईटीआई की 6.50 लाख सीटों का नुकसान हुआ है, एवं लाखों अनुदेशक/स्टाफ बेरोजगार हो चुके हैं |जबकि पर्याप्त टीकाकरण भी हो चुका है और सभी स्कूल कॉलेज एवं सार्वजनिक संस्थाओं ओर स्थानों को भी खोला जा चुका है। फिर आईटीआई संस्थाओ के साथ भेदभाव क्यों? अतः, संगठन की दूसरी मांग है कि तीन शिफ्ट मे बंद नामाकंन तुरंत प्रारंभ कर तुरंत बहाल की जाए।”
पदयात्रा सत्याग्रह के आयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह राजावत, ने कहा, “पुरानी संचालित आईटीआई संस्थाओं पर 4 ट्रेड की अनिवार्यता तुरंत प्रभाव से समाप्त की जाए एवं पुरानी आईटीआई से ग्रेडिंग पर रोक भी तुरंत हटाई जाए।”
छात्रों की मांग थी कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के सभी ट्रेड वाइज़ कोर्स स्टेट एवं सेंट्रल के सभी कोर्स जो अब तक कॉर्पोरेट संस्थाओ को दिए जा रहे थे, वे अब अनिवार्य रूप से आईटीआई संस्थाओ को दिए जाए।
संगठन ने यहभी माँग कि परीक्षा शुल्क को 75 रुपये से बढ़ाकर 376 रुपया कर दिया गया है, जिसे तत्काल प्रभाव से कम किया जाए और परीक्षा केंद्र की दूरी 20 किलोमीटर के दायरे के अंदर ही रखी जाए ताकि आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों को आसानी हो सके।
इंडिया न्यूज स्ट्रीम