नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात से सटे और राष्ट्रीय राज मार्ग आठ से लगे दक्षिणी राजस्थान के उदयपुर संभाग के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में मोदी का सरकारी रेडियो नही चलता है । पिछलें सात वर्षों से यहाँ के जन प्रतिनिधि इसकी गुहार लगा रहें है लेकिन दूर दूर फैली अरावली पहाड़ियों पर झोपड़ियों में रहने वाले आदिवासी आकाशवाणी केन्द्र डूंगरपुर से प्रधानमंत्री की मन की बात और स्थानीय कार्यक्रमों को सुनने को तरस रहें है।
डूंगरपुर में निर्मित आकाशवाणी केन्द्र का भवन काफ़ी लम्बे समय से बन कर तैयार है लेकिन यहाँ पुरानी तकनीकी और फ़्रीक्वेंसी के कारण स्थानीय कार्यक्रमों के प्रसारण नहीं हो पाते है।इस कमी को पूरा करने यहाँ 2013 में डिजिटल एफएम ट्रांसमीटर स्वीकृत हुआ था, पर वह आज तक यह नहीं लग पाया है और ट्रान्सफ़ॉर्मर आदि कतिपय तकनीकी कारणों से इस केन्द्र से एफ एम प्रसारण सेवाएँ अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। इस बीच भारत सरकार में राजस्थान के कर्नल राज्यवर्धन सिंह सहित चार पाँच केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री बदल गए।
डूंगरपुर में एफ एम रेडियों प्रसारण शुरू करवाने के लिए राज्यसभा में भाजपा के सांसद हर्ष वर्धन सिंह डूंगरपुर ने गम्भीर प्रयास किए और इस मामले को उच्च स्तर पर पहुँचाया। इस मामले को उदयपुर आकाशवाणी केन्द्र में नियुक्त एक अधिकारी प्रभारी के बतौर देख रहें है।
बाँसवाड़ा-डूंगरपुर के लोकसभा में भाजपा सांसद कनकमल कटारा ने भी संसद के मानसून सत्र के दौरान नए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से नई दिल्ली में मुलाकात कर डूंगरपुर में निर्मित आकाशवाणी केन्द्र से एफ एम प्रसारण सेवाएँ तत्काल शुरू करवाने का आग्रह किया।
उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि डूंगरपुर आकाशवाणी केन्द्र में पुरानी तकनीकी और फ़्रीक्वेंसी के कारण एफ एम प्रसारण सेवाएँ अभी तक शुरू नहीं हो पाई है जिससे इस वागड़ अंचल और भील आदिवासी संस्कृति के सांस्कृतिक सामाजिक और रचनात्मक गतिविधियों के साथ-साथ विकास की योजनाओं का सुदूर गाँवों तक प्रचार प्रसार नही हो पा रहा है।जबकि कोविड काल में आकाशवाणी जन शिक्षण का सबसे सशक्त माध्यम है।
कटारा ने केन्द्रीय मन्त्री को डूंगरपुर आने और आकाशवाणी केन्द्र में एफ एम प्रसारण सेवाओं का विधिवत शुभारम्भ कराने का आग्रह किया।