पटना, 31 जनवरी (आईएएनएस)| स्थानीय निकाय कोटे की विधान परिषद की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर अब बिहार में बिसात बिछने लगी है। इस चुनाव को लेकर अब तस्वीर भी धीरे-धीरे साफ होती नजर आ रही है।
वैसे, अब तक दिख रही तस्वीर से स्पष्ट है कि विधान परिषद के इस चुनाव में दोनों गठबंधन ‘कलह’ के बीच मैदान में उतरेंगे और अपनों की नाराजगी के बावजूद विरोधियों को पटखनी देने की कोशिश करेंगे।
सत्ताधारी गठबंधन राजग में भाजपा जहां अपने हिस्से में आई 12 सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर समीक्षा में जुट गई है, वहीं जदयू भी 11 सीटों के अखाड़े में उतरने को तैयारी तेज कर दी है। राजग में एक सीट राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को मिली है।
इधर, राजग में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को हिस्सेदारी नहीं मिल सकी। हम ने सीट बंटवारे को लेकर नाराजगी जताते हुए भले ही चुप्पी साध ली, लेकिन वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने बगावती तेवर अपनाते हुए सभी 24 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी।
मुकेश सहनी ने साफ लहजे में कहा कि उनके साथ धोखा हुआ। उन्होंने यहां तक कह दिया हम और वीआईपी के कारण ही बिहार में सरकार चल रही है। लेकिन सीट बंटवारे को लेकर उनसे बात तक नहीं की गई। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में सभी को पता चल जाएगा।
इधर राजद ने भी कांग्रेस को जमीनी हकीकत का आकलन करने की नसीहत दे रही है।
महागठबंधन में शामिल कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने तो राजद द्वारा सीट नहीं दिए जाने पर सभी 24 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा कि अगर राजद के साथ समझौता नहीं होता तो कांग्रेस सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
इधर, राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि राजद अपने उम्मीदवार तय कर उन्हे चुनाव मैदान में भेज चुकी है और कांग्रेस अभी सीट बंटवारे की बात कर रही है। उन्होंने कहा कांग्रेस को तेजस्वी के हाथों को मजबूत करना चाहिए और राजद का साथ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को जमीनी हकीकत समझना चाहिए।
बहरहाल, विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकार कोटे के 24 सीटों को लेकर मैदान सजने लगे हैं, लेकिन यह तय है कि इस मैदान में अपनों से कलह के बीच विरोधियों को पछाड़ना आसान नहीं होगा।
–आईएएनएस