लखनऊ, 3 सितम्बर (आईएएनएस)| अपनी जरूरत के लिए किसी के आगे हाथ फैलाना सबसे मुश्किल काम है। एक स्वाभिमानी व्यक्ति के लिए तो यह और भी मुश्किल होता है। एक आम बुजुर्ग उम्र की मजबूरी और अपनी छोटी-मोटी हर जरूरत के लिए अपने घर-परिवार पर निर्भर हो जाता है। अगर इन छोटी-मोटी जरूरतों में कोई मददगार बन जाए तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता। हर पात्र बुजुर्ग को सरकार वृद्धावस्था पेंशन से आच्छादित कर यही खुशी देना चाहती है। यह खुशी कैसी होती है, यह पिछले दिनों पेंशन पाने वाली हाथरस की शांति देवी की जुबान से मुख्यमंत्री के सामने छलक गया। महराजगंज के प्रह्लाद ने बताया कि इस बार पहला मौका है कि जब उन्हें पेंशन मिल रहा है। जब मुख्यमंत्री ने उनसे यह पूछा कि पैसों का क्या करेंगी तो शांति ने पूरे सन्तोषभाव के साथ कहा कि अब पैसा मिल गया है तो किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा। सोनभद्र की बसंती और सुल्तानपुर के मनीराम के भाव भी कुछ ऐसे ही थे।
यह तो कुछ चंद उदाहरण हैं। पेंशन पाने वाले अधिकांश लोगों के मनोभाव इसी तरह के हैं।
बुजुर्ग खुश रहें। उनकी बाकी की जिंदगी आसान हो इसके लिए योगी सरकार हर पात्र को पेंशन देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में सरकार प्रदेश के करीब 57 लाख बुजुर्गो को पेंशन दे रही है। इसमें से करीब 29 लाख बुजुर्ग मौजूदा सरकार के कार्यकाल में जोड़े गए हैं। जोड़ने का यह सिलसिला लगातार जारी है।
मालूम हो कि मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि सरकार बुजुर्गों का सम्मान करती है, हमारे लिए वह थाती हैं। उनका अनुभव हमारे लिए अनमोल है। लिहाजा उनकी हर जरूरत का ध्यान देना हमारा फर्ज है। सरकार अपनी विभिन्न योजनाओं के जरिए पूरी संजीदगी और सेवाभाव से बुजुर्गों के हित में काम कर रही है। इस क्रम में उनको खाने के लिए मुफ्त राशन, बीमारी में मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान भारत कार्ड की व्यवस्था की गई है।
बुजुर्गों की कभी भी कहीं भी मदद पहुचाने के लिए एल्डर हेल्पलाइन 14567 जारी किया गया है।
–आईएएनएस