भोपाल, 3 अक्टूबर | मध्य प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा के उपचुनाव से पहले सत्ताधारी दल भाजपा और विरोधी दल कांग्रेस में सरकारी मशीनरी की दलाली को लेकर जंग छिड़ गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कमल नाथ पर हमला बोला तो कमल नाथ की ओर से भी जवाब दिया गया है। अलीराजपुर जिले के जोबट क्षेत्र की कांग्रेस पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री सुलोचना रावत एवं युवा नेता विशाल रावत ने कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली है। इसके बाद से कांग्रेस ‘बिकाऊ और टिकाऊ’ का मुद्दा उठाए हुए है। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सुलोचना रावत और विशाल रावत के परिवार को वर्षों से जानता हूं। इनकी पृष्ठभूमि और छवि साफ-सुथरी रही है। लेकिन कमल नाथ और दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं को स्वच्छ छवि वालों का सम्मान करना नहीं आता। किसी को बिकाऊ कहने से पहले कमल नाथ और दिग्विजय सिंह को अपना घर देख लेना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि “कमल नाथ जी अपना घर तो देखते नहीं हो भाई, अगर आप बिकाऊ की बात करते हो वल्लभ भवन में कौन-कौन दलाली खाता था। यह भी तो बता दो, शर्म नहीं आती यह कहते हुए। लोगों का सम्मान करना जानते नहीं हो दिल्ली से लेकर भोपाल तक यही हाल है कांग्रेस का।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “उधर राहुल बाबा उजाड़ने में लगे हुए हैं। अच्छी खासी चलती पंजाब की सरकार का कबाड़ा कर दिया और हमें दोष दे रहे हो। छत्तीसगढ़ वाले गदर मचा रहे दिल्ली में जा-जाकर ढाई साल, ढाई साल कर रहे हैं और हमें दोष दे रहे हो।”
प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि भाजपा की सरकारों के कामों का असर अब जनजातीय क्षेत्रों में दिखाई देने लगे हैं और समाज के लोग बड़ी संख्या में भाजपा की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इन्हें बिकाऊ कहकर कांग्रेस जनजातीय समाज और मातृशक्ति का अपमान कर रही है। इसके लिए क्षेत्र की जनता कमल नाथ-दिग्विजय सिंह को जवाब देगी।
वहीं कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने कहा, “शिवराज जी, ये दलाली-वलाली के बारे में तो आप मुझसे बेहतर समझते हो। यह मेरे जैसे बेदाग राजनीतिक व्यक्ति का विषय नहीं है। पूरा देश गवाह है कि मेरा इतने वर्षों का राजनैतिक जीवन पूर्ण बेदाग रहा है।”
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तंज कसते हुए कमल नाथ ने आगे कहा, “मेरे साथ कभी भी ना डंपर, ना व्यापमं, ना सिंहस्थ, ना फर्जी पौधारोपण, ना नर्मदा सेवा यात्रा के फजीर्वाड़े, ना ई-टेंडर घोटाले जैसे दाग कभी भी जुड़े हैं। वल्लभ भवन की स्थिति तो आपने खुद ही अभी कुछ दिन पूर्व बयां की थी कि आपको वहां बैठकर कितना आनंद आता है।”
कमल नाथ ने आगे कहा कि “वल्लभ भवन को दलाली का अड्डा किसने बनाया, यह तो आपकी मात्र 18 माह की सरकार के रिकार्ड, तबादला उद्योग से ही सभी को दिखाई दे रहा है, यह तबादला उद्योग तो कोरोना काल में भी बदस्तूर जारी रहा और आज तक जारी है।”
–आईएएनएस