चंडीगढ़ । पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बयान दिया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) ने किसानों के हित में लैंड पूलिंग पॉलिसी पेश की थी, लेकिन यह पॉलिसी किसानों को बिल्कुल पसंद नहीं आई। उन्होंने कहा कि किसानों की नकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए इस पॉलिसी को वापस ले लिया गया है।
हरपाल चीमा ने यह भी बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (जो खुद एक किसान हैं) ने मुख्यमंत्री बनने के बाद किसानों की परेशानियों को समझा और नहरों का पानी दूरदराज इलाकों तक पहुंचाने के लिए तत्परता से काम शुरू किया।
चीमा ने यह स्पष्ट किया कि पंजाब सरकार हमेशा से किसानों के हित में काम करती रही है। जब किसानों ने लैंड पूलिंग पॉलिसी का विरोध किया, तो सरकार ने उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए पॉलिसी को तुरंत वापस ले लिया।
वहीं, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि मैं उन बहादुर अकाली कार्यकर्ताओं, किसानों, मजदूरों और दुकानदारों को सलाम करता हूं, जिन्होंने एकजुट होकर अरविंद केजरीवाल को लैंड पूलिंग पॉलिसी वापस लेने पर मजबूर किया, जो असल में जमीन हड़पने की एक कोशिश थी, जिसके तहत आम आदमी पार्टी देश भर में अपनी पार्टी का विस्तार करने के लिए दिल्ली के बिल्डरों से 30,000 करोड़ रुपए वसूलना चाहती थी।
उन्होंने कहा कि मैं पंजाबियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जिस तरह हमने लाखों लोगों की भागीदारी वाले जमीनी आंदोलन का नेतृत्व करके आम आदमी पार्टी को लैंड पूलिंग पॉलिसी वापस लेने पर मजबूर किया, उसी तरह हम भ्रष्ट और घोटालेबाज ‘आप’ सरकार को पंजाब को दिवालिया बनाने, बाहरी लोगों को नौकरियां देने, कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने और गैंगस्टरों को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार ठहराएंगे। मैं पंजाबियों से अपील करता हूं कि वे शिरोमणि अकाली दल के नेतृत्व में एकजुट होकर पंजाब को फिर से पटरी पर लाएं और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करें।
—आईएएनएस