कोलकाता । पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। सरकार ने पत्र के जरिए कहा कि एसआईआर को लेकर पश्चिम बंगाल के सीईओ और राज्य सरकार के बीच कोई परामर्श नहीं हुआ है।
ममता बनर्जी सरकार ने पत्र के जरिए कहा कि कुछ समाचार पत्रों और समाचार चैनलों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने चुनाव आयोग को सूचित किया है कि पश्चिम बंगाल मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए तैयार है। हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि इस संबंध में पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय द्वारा राज्य सरकार से कोई परामर्श नहीं किया गया और ना ही इसकी कोई पूर्व सूचना दी गई थी।
बंगाल सरकार ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से प्रेस रिपोर्ट की सामग्री की पुष्टि करने को कहा है ताकि किसी भी गलत सूचना को दूर किया जा सके। बता दें कि समाचार पत्रों में 8 अगस्त को और समाचार चैनलों में 7 अगस्त को इस संदर्भ में खबर चलाई गई थी।
पश्चिम बंगाल में अगले साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग बिहार की तर्ज पर पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराने की तैयारी कर रहा है।
पिछले दिनों मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया था कि पश्चिम बंगाल में दो जिलों के चार विधानसभा क्षेत्रों की 2002 की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मतदाता सूचियां उपलब्ध नहीं हैं। 2002 की एसआईआर मतदाता सूचियां नई एसआईआर का आधार हैं, जिसकी प्रक्रिया पश्चिम बंगाल के पड़ोसी राज्य बिहार के मामले में पहले ही पूरी हो चुकी है। जिन विधानसभा क्षेत्रों की 2002 एसआईआर मतदाता सूचियां गायब हैं, वे हैं बीरभूम जिले में मुरारई, रामपुरहाट एवं राजनगर और दक्षिण 24 परगना जिले में कुलपी।
उन्होंने कहा था कि उन चार विधानसभा क्षेत्रों की 2002 की एसआईआर मतदाता सूची को खोजा जा रहा है। आयोग को उम्मीद है कि सूची जल्द ही उपलब्ध हो जाएगी। अगर सूची उपलब्ध नहीं होती है, तो विकल्प के तौर पर 2003 की मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
—आईएएनएस