Uttar Pradesh, Dec 11 (ANI): On the call of IMA (Indian Medical Association) the doctors boycotted the work and continued to work by tying black bands as a sign of protest after Ayurvedic doctors were authorized for surgery, in Prayagraj on Friday. (ANI Photo)
25 जून, 2021
चंडीगढ़: | नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउएंस (एनपीए) को मूल वेतन से अलग करने की छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के विरोध में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने एक दिवसीय हड़ताल की, जिससे महामारी के बीच पंजाब में शुक्रवार को चिकित्सा सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। हड़ताल का असर राज्य के ग्रामीण इलाकों में ज्यादा देखने को मिला।
हड़ताल के कारण बाहरी रोगी विभागों (ओपीडी) में चिकित्सा सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। हालांकि, आपातकालीन सेवाओं को हड़ताल से छूट दी गई थी।
मरीजों और उनके तीमारदारों ने सरकार पर इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने का आरोप लगाया।
मां को इलाज के लिए लेकर आए अमृतसर निवासी गुरदेव सिंह ने बताया, “आम आदमी हड़ताल के कारण अधिक पीड़ित है क्योंकि वे महंगे निजी इलाज का खर्च वहन नहीं कर सकते है”
हड़ताल का आह्वान संयुक्त पंजाब सरकार डॉक्टर्स कोऑर्डिनेशन कमेटी द्वारा किया गया है, जिसे पंजाब स्टेट वेटरनरी ऑफिसर्स एसोसिएशन, पंजाब मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन, रूरल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन, पंजाब डेंटल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन और पंजाब आयुर्वेद ऑफिसर्स एसोसिएशन का समर्थन प्राप्त है।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को सरकार के कर्मचारियों की शिकायतों के समाधान के लिए मंत्रियों की निगरानी समिति का गठन किया।
समिति में स्थानीय शासन मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, वित्त मंत्री मनप्रीत बादल, सामाजिक न्याय मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री ओपी सोनी और स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की शिकायतों को व्यक्तिगत रूप से सुनने के लिए एक अधिकारी समिति गठित करने के भी निर्देश दिए।
–आईएएनए