रायबरेली : उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह बीजेपी में शामिल हो गई हैं। अदिति काफी दिनों से पार्टी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के खिलाफ बगावती तेवर दिखा रही थीं और अब उनके बीजेपी में जाने से कांग्रेस को रायबरेली में नुकसान होने की आशंका है। अदिति के अलावा बसपा विधायक वंदना सिंह ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है।
पिछले कुछ समय में सदन में जब-जब वोटिंग के मौके आए अदिति सिंह ने बीजेपी के पक्ष में वोट डाला है, कांग्रेस पार्टी उनकी सदस्यता खत्म करने को लेकर पहले ही विधानसभा अध्यक्ष को लिख चुकी थी।
कांग्रेस पार्टी ने भले ही जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध किया हो लेकिन अदिति सिंह ने मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इससे जम्मू-कश्मीर के लोग मुख्यधारा से जुड़ जाएंगे। एक विधायक की हैसियत से मैं इस फैसले का स्वागत करती हूं।
अदिति ने कहा कि जब बिल लाए गए तो प्रियंका गांधी को दिक्कत हुई। अब कानून (कृषि कानून) निरस्त होने के एलान के बाद भी उन्हें दिक्कत है। आखिर वह चाहती क्या हैं, उनको स्पष्ट बताना चाहिए। अदिति ने कहा कि प्रियंका इस मामले का सिर्फ राजनीतिकरण कर रही हैं। इसकी वजह ये है कि अब उनके पास मुद्दे नहीं बचे हैं।
वर्ष 2017 के चुनाव में अदिति पिता की राजनीतिक विरासत की वारिस बनीं। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर वे विधायक बनीं। हालांकि, तकरीबन डेढ़ साल से उन्होंने खुद को वैचारिक तौर पर कांग्रेस से अलग कर रखा था। साथ ही पार्टी के विरुद्ध बगावती बयान भी देती रहीं। इस दौरान सत्तारूढ़ दल से उनकी नजदीकियां बढ़ती गईं।
सूत्रों के मुताबिक उनके भाजपा में जाने का बड़ा नुकसान उनके पति अंगद सिंह सैनी को हो सकता है, जो पंजाब की नवांशहर सीट से विधायक हैं। रायबरेली, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है। ऐसे में अदिति का पालाबदल उनके पति के लिए भारी पड़ सकता है।