नई दिल्ली ।स्कूली छात्रों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए आयोजित इंडिया@75 यूथ आइडियाथॉन में उत्तर प्रदेश के सीतापुर के विद्या ज्ञान स्कूल की नौवीं कक्षा की छात्रा दक्षणी पांडेय को विजेता घोषित किया गया। उसे पुरस्कार में एक लाख रुपये की नगद राशि और प्रमाण पत्र प्रदान किये गए।
जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल के कक्षा 8 के आर्यमान शर्मा पहले उप विजेता और फतेहाबाद के सेंट जॉन इंटरनेशनल स्कूल की पूजा भाटू दूसरी उप विजेता रही।
कौशल विकास मंत्रालय और थिंकस्टार्टअप द्वारा आयोजित इस उत्सव में देशभर से 5,000 स्कूलों और भारत से बाहर सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों से 62,500 से अधिक बच्चों ने भाग किया।
दक्षणी पांडेय ने यह उपलब्धि अनगिनत शिशुओं के जीवन को बचाने में सक्षम और किफायती ऑटोमोटिव प्रोटोटाइप का विकास करने के लिए हासिल की है। वहीं आर्यमान शर्मा को इंटर्नशिप का पता लगाने में सहायक ऐप बनाने लिए प्रथम उप विजेता घोषित किया गया। पूजा भाटू को महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित केचुआ खाद और जैविक उत्पादों के के लिए दूसरा उप विजेता घोषित किया गया।
इंडिया@75 यूथ आइडियाथॉन के प्रथम उप विजेता को 60,000 रूपये और दूसरे उप विजेता को 40,000 रूपये का पुरस्कार और साथ ही मार्गदर्शन एवं इनक्यूबेशन का अवसर प्रदान किया गया है।
दक्षणी पांडेय को बेस्ट ऑटोमोटिव आइडिया का भी अवार्ड प्रदान किया गया और साथ ही उसे 25,000 रूपये का नकद पुरस्कार दिया गया।
आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी. रामगोपाल समारोह के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा, “मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है कि रचनात्मकता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी साक्षरता और इस रचनात्मकता को बढ़ाना हमारे लिए आवश्यक है क्योंकि यदि हम ऐसा नहीं करेंगे तो किसी दिन गूगल हमारी जगह ले लेगा।”
विजेताओं के नामों की घोषणा करते हुए एमईपीएससी के सीईओ कर्नल अनिल कुमार पोखरियाल ने कहा, हमारे लिए आवश्यक हो गया है कि हमारे देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करने वाले युवा बच्चों का उद्यमशीलता के सिद्धांतों से परिचय कराया जाय। हम तभी ऐसी पीढ़ी तैयार कर सकेंगे जो खुद को नौकरी हासिल करने तक सीमित ना रखकर रोजगार के अवसरों का सृजन करने में समक्ष हो।”
थिंकस्टार्टअप की संस्थापक सुश्री शिवानी सिंह ने कहा, “हमारे देश के युवाओं में ऐसे अनूठे विचार पनप रहे हैं जो हमें ना केवल टिकाऊ वृद्धि की ओर ले जाएंगे, बल्कि इस पूरी मानवता को एक उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाएंगे और यह हासिल करने के लिए हमें इन युवा उद्यमशील दिमाग को पोषित करने और उनका विजन हासिल करने में उनकी मदद करने की जरूरत है।”