नई दिल्ली 22 सितंबर ।दिल्ली विश्वविद्यालय के कई एडहॉक और गेस्ट शिक्षकों को नियमित न किये जाने और उन्हें नौकरी से हटाए जाने के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने आज यहां विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सामने जमकर धरना प्रदर्शन किया ।
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा ) के नेतृत्व में इन शिक्षकों ने बारिश की परवाह न करते हुए यूजीसी के सामने छाता लगाए नारेबाजी करते रहे और सभी एडहॉक शिक्षकों को नियमित किए जाने की पुरजोर मांग की ।
डूटा के अध्यक्ष ए के भागी और डूटा के पूर्व अध्यक्ष राजीव रे नंदिता नारायण तथा आदित्य नारायण मिश्रा की उपस्थिति में शिक्षकों ने अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया। वे सब हाथों में तख्तियां लिए आये थे जिसमें शिक्षकों को इस तरह बेरोजगार किये जाने का कड़ा विरोध किया गया था।
गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में इन दिनों नियुक्तियों के लिए इंटरव्यू चल रहे हैं और इन इंटरव्यू में देशबंधु कॉलेज , हंसराज कॉलेज लक्ष्मीबाई कॉलेज के अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय वाणिज्य विभाग के कई एडहॉक टीचरों को नियमित न कर उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और उन्हें करींब 15 साल काम करने के बाद नौकरी से हाथ धोना पड़ा ।
बूटा की वर्षों से मांग है कि कि वर्षों से पढ़ा रहे शिक्षकों को नियमित किया जाए ताकि उनकी नौकरी बची रहे और उन्हें इस उम्र में बेरोजगार न होना पड़े।
गौरतलब है कि इनमें से कई शिक्षक गोल्डमेडलिस्ट और टॉपर रहे हैं और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय को अपनी सेवाएं दी हैं ।
डूटा ने अपनी आम सभा में एक सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर कुछ साल पहले मांग की थी कि सभी शिक्षकों को नियमित किया जाए और अब जब बरसों बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हुआ तो कई शिक्षक नौकरी गंवा बैठे।
डूटा ने असोसीयेट प्रोफेसर की प्रोन्नति के लिए पीएचडी और प्रकाशन को अनिवार्य किये जाने का भी विरोध किया।
————– इंडिया न्यूज स्ट्रीम