चंडीगढ़, 19 जुलाईः
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने चोटी के राजसी नेताओं, पत्रकारों, कारोबारियों, वैज्ञानिकों, संवैधानिक अधिकारियों और दूसरे व्यक्तियों के निजी फोनों की हैकिंग की सोमवार को निंदा करते हुए कहा कि यह न सिर्फ़ व्यक्तिगत निजता पर शर्मनाक हमला है बल्कि केंद्र की भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की तरफ से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे संसद के अंदर और बाहर पैगासस जासूसी का मामला उजागर हुआ है, यह केंद्र सरकार की तरफ से भारत की लोकतांत्रिक शासन प्रणाली पर हैरान कर देने वाला हमला है जिसने इस घिनौनी कार्यवाही के द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसी मुखबरी जो इजराइली कंपनी द्वारा केंद्र सरकार की हरी झंडी के बिना नहीं की जा सकती, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों, सरकारों और संगठनों के हाथ में संवेदनशील जानकारी दे दी है जिसका भारत के खि़लाफ़ दुरुपयोग हो सकता है।
उन्होंने कहा,’’यह सिर्फ़ व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला ही नहीं बल्कि हमारे मुल्क की सुरक्षा पर भी हमला है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का स्वतः संज्ञान लेने और एन.डी.ए. सरकार के खि़लाफ़ कार्यवाही करने की अपील की है।’’ कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार इससे बच नहीं सकती। उन्होंने एक जघन्य पाप किया है और इनको इसकी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि किसी को अपने लोगों के जीवन में दख़ल देने का अधिकार नहीं है, जैसे कि इस सरकार ने किया है, लोगों को अपना जीवन आज़ादी के साथ जीने दो।
मुख्यमंत्री ने इस घटनाक्रम को भाजपा के नेतृत्व वाली भारत सरकार की तरफ से सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने और विरोधियों की आवाज़ दबाने वाला कदम करार दिया है। उन्होंने इस निंदनीय कृत्य के लिए केंद्र सरकार की सख़्त आलोचना करते हुए कहा कि इसने भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में नया निम्न स्तर तय कर दिया।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ’’इससे पहले विश्व के किसी भी हिस्से में किसी सरकार ने अपनी संस्थाओं और लोगों की सुरक्षा और हिफ़ाज़ात को इस ढंग के साथ दाव पर नहीं लगाया था।’’ उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि भारत को निशाना बनाने के लिए वैश्विक साजिश रची गई है जिसमें एन.डी.ए. सरकार स्पष्ट तौर पर हिस्सा बनी।