कर्नाटक: भारत जोड़ो यात्रा के एक महीने पूरे होने के बाद राहुल गांधी ने शनिवार को कर्नाटक के तुरुवेकरे में प्रेस वार्ता कर विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी। साथ ही कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस का सीएम चेहरा कौन होगा, इसपर राहुल ने साफ किया कि कर्नाटक में मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव के बाद कांग्रेस की तय प्रक्रिया के तहत ही होगा।
हालंकी इसका मतलब साफ हो गया है की कर्नाटक में कांग्रेस चुनाव से पहले सीएम के चेहरा का एलान नहीं करेगी। वहीं 2023 में होने वाले चुनाव पर अपनी जीत का भरोसा दिलाते हुए राज्य सरकार पर हमला किया।
उन्होंने कहा, मैंने कई लोगों से बात की है, इनमें किसान, छोटे व्यापारी और मजदूर शामिल हैं। जो मैं उनसे सुन रहा हूं की वह भ्रष्टाचार से थक गए हैं। राज्य सरकार 40 फीसदी कमीशन ले रही है। मंहगाई, बेरोजगारी से लोग तंग आ चुके हैं और कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में अगला चुनाव जीतने वाले हैं।
कर्नाटक कांग्रेस में गुटबाजी के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, हमारी पार्टी संवाद में विश्वास करती है और अनेक मसलों पर चर्चा भी करती है, हालांकि चुनाव जीतने के लिए सबको साथ काम करने की जरूरत है जो हम कर रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने सावरकर, आरएसएस और पीएफआई को लेकर पूछे गए सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने एक बार फिर इन सब मुद्दों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, भारत में नफरत फैलाने वाला देशविरोधी है, जो भी ऐसा करेगा हम उससे लड़ेंगे। वो कौन व्यक्ति है किस समाज से आता है यह कोई मायने नहीं रखता।
कांग्रेस नेताओं ने अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई लड़ी और जेल में सालों साल बिताई, इनमें महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल आदि ने अंग्रेजों से लड़ते वक्त जीवन समर्पित किया और संविधान निर्माण किया। मेरी समझ में आरएसएस ने अंग्रेजों की मदद की और सावरकर ने अंग्रेजों से पेंशन लिया। इनसब पहलुओं से बीजेपी छुप नहीं सकती। आजादी की लड़ाई में बीजेपी की कोई भूमिका नहीं रही, वह सिर्फ देश को बाटनें और नफरत फैला रही है।
राहुल गांधी ने यह भी साफ कर दिया है कि, उनके लिए भारत जोड़ो यात्रा 2024 का लक्ष्य नहीं है। उन्होंने कहा, भारत जोड़ो यात्रा का लक्ष्य 2024 चुनाव नहीं है। मैं देख रहा हूं कि देश बट गया है, नफरत हमारी सोसाइटी में फैलाई जा रही है और यह देश को नुकसान कर रही है। हम आरएसएस, बीजेपी के नफरत के एजेंडे के खिलाफ हैं और हम मंहगाई के खिलाफ यह यात्रा निकाल रहे हैं।
इसके अलावा राहुल गांधी ने कहा, मेरी छवि खराब करने के लिए काफी पैसा लगाया गया। जबकि मेरी सच्चाई कुछ और है। इस यात्रा का राजनीतिक मकसद भी है लेकिन इसका असली मकसद लोगों से सीधा संवाद करना है। तपस्या मेरे और मेरे परिवार की प्रकृति है मैंने कार के द्वारा आराम से यात्रा ना चुन कर परेशानी भरा कठिन रास्ता चुना है और ये मेरे लिए एक सबक की तरह है। 31 दिन कुछ नहीं है लेकिन मैंने बदलाव महसूस करना शुरू कर दिया है।
लोग देख रहे हैं कि पैदल जा रहा है, कैमरे पर कही मेरी बात को तोड़ा मरोड़ा जा सकता है। लोगों से सीधे संवाद को तोड़ा मरोड़ा नहीं जा सकता है।
–आईएएनएस