एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने 24 जून को अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. मुर्मू के समर्थन में संसद भवन में पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के अलावा कई बड़े नेता मौजूद रहे. इस बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया है.
बसपा प्रमुख मायावती ने प्रेस वार्ता कर बताया कि, हमने एनडीए के राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया है. हमने यह फैसला न तो भाजपा या एनडीए के समर्थन में और न ही विपक्ष के खिलाफ बल्कि अपनी पार्टी और आंदोलन को ध्यान में रखते हुए लिया है.
यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने आगे कहा कि, ‘हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने मूवमेंट का खास हिस्सा मानते हुए द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है. हमने यह अति महत्वपूर्ण फैसला BJP और NDA के पक्ष या फिर विपक्षी पार्टी के विरोध में नहीं लिया है.’
दरअसल, झारखंड की पहली महिला राज्यपा रह चुकी द्रौपदी मुर्मू एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं. वैसे तो उनकी जीत पहले से ही तय मानी जा रही है. इस बीच बसपा का समर्थन मिलने से उनकी दावेदारी और भी मजबूत हो गई है. द्रौपदी मुर्मू के जीतने पर वह देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति और भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी.
वैसे तो सत्ताधारी दल की प्रत्याशी होने के कारण द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग तय मानी जा रही है, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने नामांकन दाखिल करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, टीएमसी की ममता बनर्जी और एनसीपी चीफ शरद पवार से बात की, और खुद के लिए समर्थन मांगा. वहीं दूसरी ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राष्ट्रपति उम्मीदवार को समर्थन देने के लिए आज पार्टी विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई है. वहीं, विपक्ष की ओर से उम्मीदवार यशवंत सिन्हा 27 जून को नामांकन कर सकते हैं.