लखनऊ, 28 जून (आईएएनएस)| सात साल की उम्र में एक नाबालिग से ट्रेन में दुष्कर्म किया गया और फिर उसे एक खाली डिब्बे में फेंक दिया गया। पीड़िता घायल थी। उसकेप्राइवेट पार्ट पर कई गंभीर चोटें थीं, जिसके चलते उसे कई तरीके की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।
आठ साल से एक आश्रय गृह में रह रही पीड़िता का इलाज दो गैर सरकारी संगठन ने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में कराया, जहां कई सर्जरी के बाद सोमवार को उसे छुट्टी दे दी गई।
केजीएमयू के सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो अभिजीत चंद्रा ने कहा, “लड़की को ठीक होने में 45 दिन लगे। अब उसके अंग सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।”
डॉक्टर ने बताया कि इलाज नि:शुल्क था।
केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) प्रो बिपिन पुरी ने कहा, “जैसे ही मुझे बच्चे की स्थिति के बारे में जानकारी मिली, हमने सभी शुल्क माफ करने का फैसला किया।”
पीड़िता की देखभाल करने वाली ‘एक कोशिश ऐसी भी’ फाउंडेशन की चेयरपर्सन वर्षा वर्मा ने कहा, “लड़की अब खाने के स्वाद को समझ सकती है और मुस्कान के साथ जवाब दे सकती है।”
–आईएएनएस