लखनऊ, 3 अगस्त (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गयी है। भारतीय जनता पार्टी को जमकर कोसने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की मुखिया ओम प्रकाश राजभर ने लखनऊ में मंगलवार को भाजपा यूपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के आवास पर जाकर भेंट की। करीब एक घंटे की इनकी मुलाकात के बाद यूपी की राजनीति में खलबली मच गई है। सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार को भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की है। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह भी उनके साथ थे। यूपी में ओवैसी की पार्टी के साथ भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाने वाले राजभर भाजपा के अध्यक्ष के आवास पर करीब एक घंटा तक रहे। भागीदारी मोर्चा के संयोजक ओमप्रकाश राजभर की स्वतंत्र देव सिंह ने इतनी लम्बी भेंट के बाद राजनीतिक सगर्मियां तेज हो गयी है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव से मुलाकात को सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने इसे महज औपचारिक भेंट बताया। राजभर ने मीडिया से कहा, ” राजनीति में कुछ भी संभव हो सकता है। स्वतंत्र देव सिंह पहले पिछड़ों के नेता हैं उसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष। यह मुलाकात निजी थी लेकिन कुछ लोग अर्थ का अनर्थ लगाएंगे, तो मैं उनसे कहना चाहता हूं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में सुभासपा भाजपा के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेगी। सपा, बसपा, कांग्रेस के लिए दरवाजे खुले हैं। भाजपा का अंहकार चकनाचूर करना है। साल 2022 में सरकार बनाना है। मिलना जुलना तो लगा रहता है। स्वतंत्रदेव पिछड़े समाज के नेता है।”
राजभर ने कहा कि वैसे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात तो शिष्टाचार मुलाकात थी, लेकिन राजनीति में कौन-कौन क्या कर रहा है, इसकी थाह समय-समय पर लेते रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दो बड़े नेता व्यक्तिगत मुलाकात भी कर सकते हैं। जब ममता बनर्जी और सोनिया गांधी मिल सकती हैं, जब मायावती और अखिलेश मिल सकते हैं तो राजनीति में कुछ भी संभव है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख से लगभग मिल चुके हैं।
उन्होंने कहा कि भागीदारी संकल्प मोर्चा सरकार बनाने को अग्रसर है। उन्होंने कहा कि देश पहले कृषि प्रधान था, लेकिन अब जाति प्रधान हो गया है। छोटी जातियों की काफी उपेक्षा हुई है, हम प्रदेश में भागीदारी संकल्प मोर्चा इन सबको को न्याय दिलाएंगे।
राजभर ने कहा कि हम जनगणना में पिछड़ी जातियों को जातिवार कॉलम में भाजपा के निर्णय के खिलाफ थे। हमने इसका विरोध किया है। इसके साथ ही हम सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू कराने के संघर्ष में हैं। यह रिपोर्ट चार वर्ष तीन महीने से डिब्बे में बंद है।
ओमप्रकाष भाजपा की राज्य व केंद्र सरकार पर जमकर बयानबाजी करते रहे हैं लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात के बाद फिर से कयास लगने शुरू हो गए हैं। बीते दिनों उन्होंने कहा था कि भागीदारी संकल्प मोर्चा आगामी विधानसभा चुनाव में सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। उन्होंने प्रदेश में सरकार बनाने का दावा भी किया था। मुख्यमंत्री पद के लिए मोर्चा की ओर से चेहरा कौन होगा? इस सवाल पर राजभर ने कहा था कि मोर्चा एक चुनाव, पांच साल सरकार, पांच मुख्यमंत्री के फामूर्ले पर चलेगा। मोर्चा पांच साल में पांच जाति (मुस्लिम, राजभर, कुशवाहा, चौहान व पटेल) मुख्यमंत्री बनाएगा। इसके अलावा हर साल चार उप मुख्यमंत्री भी बनाए जाएंगे।
भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन करने वाले सुभासपा अध्यक्ष का भाजपा के प्रति अचानक झुकाव सपा और आप सहित उन सभी छोटे दलों को झटका हो सकता है, जिनको राजभर से काफी उम्मीदें थी। राजभर ने कहा कि राजनीति में कुछ भी संभव है।
–आईएएनएस