कोलकाता । अभिनेत्री से नेता बनीं और पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट निर्वाचन क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य नुसरत जहां एक संदिग्ध वित्तीय इकाई के निदेशक के रूप में, जिसने वरिष्ठ नागरिकों को उचित दरों पर आवासीय फ्लैट देने का वादा करके कई करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की, के साथ अपने संबंधों पर पूछताछ का सामना करने के लिए मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय पहुंचीं।
उन्हें मंगलवार सुबह 11 बजे कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके साल्ट लेक में केंद्रीय सरकार कार्यालय (सीजीओ) परिसर में ईडी के कार्यालय में उपस्थित होना था, वह कई फाइलों के साथ सुबह 10.50 बजे के आसपास वहां पहुंचीं। उन्होंने मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया।
एक अन्य अभिनेत्री और उक्त इकाई ‘7 सेंस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड’ की एक अन्य निदेशक रूपलेखा मित्रा को बुधवार को ईडी कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को सूचित कर दिया है कि सहायक दस्तावेजों और कागजात के साथ उन्हें पेश होने के लिए कुछ समय चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि ईडी अधिकारियों की एक विशेष टीम, जहां के आगमन के निर्धारित समय से लगभग एक घंटे पहले सीजीओ कॉम्प्लेक्स कार्यालय पहुंची। पता चला है कि पूछताछ टीम ने पूछताछ के लिए तीन पेज की प्रश्नावली तैयार की है।
ईडी के अधिकारी पहले ही मामले में प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज कर चुके हैं।
ईडी में दर्ज शिकायतों के अनुसार, उक्त कॉर्पोरेट इकाई ने निवेशकों को चार साल के भीतर उचित दरों पर आवासीय फ्लैट देने का वादा करके कई करोड़ रुपये एकत्र किए। लेकिन उन्हें अभी तक आवासीय फ्लैट नहीं मिले हैं, लेकिन जहां सहित उक्त इकाई के निदेशकों ने उस पैसे का इस्तेमाल अपने फ्लैट बनाने के लिए किया।
इस साल अगस्त की शुरुआत में मामला मीडिया में सामने आने के कुछ दिनों बाद, जहां ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने मार्च 2017 में कॉर्पोरेट इकाई से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने उक्त कॉर्पोरेट से लगभग 1.16 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। मार्च 2017 में ही 1.40 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण राशि ब्याज सहित चुका दी।
— आईएएनएस