देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में करोना महामारी थमने का नाम नहीं ले रही है दिल्ली में लगातार नए केस सामने आ रहे हैं और यह लगभग दुगनी रफ़्तार से आगे बढ़ा रहे हैं।
सोमवार को 3 हजार मंगलवार को 5 हजार और आज यानी कि बुधवार को 10 हजार केस के आए हैं। दिल्ली में 24 घंटे में इन करोना मरीजोँ की संख्या दुगनी हो गई है , जो एक चिंता का विषय है। अगर करोना संक्रमीत मरीजों की यही रफ्तार चलती रही तो जल्द ही लाखों की संख्या में केस आने लग सकते है। कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर वीकेंड कर्फ्यू लगाने का भी फैसला किया गया है।
साल 2020 में तीन बार कोरोना महामारी की लहर आई थी जबकि पिछले वर्ष अप्रैल से मई के बीच चौथी लहर दर्ज की गई थी। अब बीते 28 दिसंबर से कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आई है जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इसे पांचवीं लहर के तौर पर देखना शुरू कर दिया है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में टेस्टिंग में इजाफा किया जा रहा है। मंगलवार को करीब 90 हजार सैंपल की जांच की गई। उन्होंने बड़ी संख्या में आ रहे केसों का हवाला देते हुए कहा कि अब हर सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि रोजाना 300-400 सैंपल की ही जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जा रही है। गौरतलब है कि इस जांच से कोरोना के वेरिएंट का पता लगाया जाता है।
चिंता इस बात की है कि अगर इतनी पाबंदियों के बाद भी कोरोना केस बढ़े तो हालात बिगड़ सकते हैं और जल्दी ही 1 लाख तक डेली केस पहुंच सकते हैं। सोमवार को दिल्ली में कोविड-19 के 4,099 नए मामले सामने आए थे और संक्रमण दर 6.46 प्रतिशत थी। उस दिन एक मरीज की मौत भी हुई थी। दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी की ज्यादातर आबादी शहरी है। यहां बाहर से आने वाले लोगों की संख्या भी अधिक है इसलिए यहां संक्रमण का खतरा भी ज्यादा है।
जैन ने बताया कि दिल्ली सरकार ने एक ‘कोविड वॉर रूम’ सक्रिय किया है, जो बिस्तर की उपलब्धता, मरीजों, ऑक्सीजन आदि के बारे में जिला और अस्पताल-वार ब्योरा तैयार करेगा। दिल्ली सरकार ने मंगलवार को शहर में वीकेंड कर्फ्यू लगाने की घोषणा की थी। शहर में मंगलवार को कोविड-19 के 5,481 नए मामले सामने आए थे, जो 16 मई के बाद सामने आए सर्वाधिक दैनिक मामले थे। वहीं, संक्रमण दर 8.37 प्रतिशत थी और संक्रमण से तीन और मरीजों मौत हुई थी।
स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि इन हालातों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने निजी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वो अपने कोविड बेड की क्षमता को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर लें। वर्तमान में सरकारी अस्पतालों में सिर्फ दो प्रतिशत बेड ही भरे हैं।
———–इंडिया न्यूज़ स्ट्रीम