नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और महिला अधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद पर कहा कि लड़कियों को उनके हिजाब की वजह से स्कूल में एंट्री देने से मना करना भयावह है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को कम या ज्यादा कपड़े पहनने की वजह से किसी न किसी तरह से उनका वस्तुकरण करना जारी है।
कर्नाटक में इन दिनों लड़कियों के हिजाब पहनकर स्कूल-कॉलेज आने को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। लड़कियों के अधिकार और उनकी शिक्षा को लेकर बोलने पर पाकिस्तान में तालिबान ने 2012 में मलाला युसुफजई को गोली मारी थी। मलाला लंबे समय से महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को लेकर बोलती रहती हैं।
नोबल पुरस्कार विजेता ने भारतीय नेताओं से मुस्लिम महिलाओं के हाशिए पर जाने को रोकने का आग्रह किया। मलाला ने कहा कि कॉलेज हमें पढ़ाई और हिजाब के बीच चुनने के लिए मजबूर कर रहा है। लड़कियों को उनके हिजाब में स्कूल जाने से मना करना भयावह है। महिलाओं का वस्तुकरण होना बना हुआ है। भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं के हाशिए पर जाने को रोकना चाहिए।
उडुपी जिले के मणिपाल स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल कॉलेज में मंगलवार को उस समय तनाव काफी बढ़ गया, जब भगवा शॉल ओढ़े छात्रों और हिजाब पहनी छात्राओं के दो समूहों ने एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की। हिजाब पहनने के अधिकार की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी रखने पर जोर देने वाली लड़कियों ने कहा कि उसे शिक्षकों का समर्थन प्राप्त है और भगवा शॉल ओढ़े उसे रोकने वाले लड़के बाहरी थे।
कर्नाटक में बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली सरकार ने विवाद को देखते हुए तीन दिनों के लिए स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। हिजाब विवाद पर राज्यभर में विरोध हो रहा है। कॉलेज परिसरों में कई जगहों पर टकराव-जैसी स्थिति देखने को मिली।
इस बीच, सरकार और हाईकोर्ट ने शांति बनाये रखने की अपील की है। अदालत हिजाब पहनने के छात्राओं के अधिकार के लिए उनकी एक याचिका पर विचार कर रही है।